". सौरमंडल ~ Rajasthan Preparation

सौरमंडल


सौर मडल (SOLAR SYSTEM)

  • Geography ग्रीक भाषा का शब्द है।
  • अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ International Astronomical Union का मुख्यालय पेरिस मे है।
  • प्राचीन भूगोल  के जनक - इरेटोस्थनीज
  • आधुनिक भूगोल के जनक - अलेक्जेंडर वाॅन हम्बोल्ड
  • ब्रम्हाण्ड में कुल आकाशगंगाएँ (Galaxies) - 1011
  • ब्रम्हाण्ड में तारों की संख्या- 1022
  • ब्रह्माण्ड में सबसे बड़ी आकाशगंगा - लाइमन अल्फा ब्लोग्स
  • हमारा सौर मंडल मंदाकिनी/ दुग्ध मेखला (Milky way) आकाशगंगा में स्थित है।
  • आकाशगंगा का सबसे चमकीला भाग - ओरियन नेबुला
  • हमारी आकाशगंगा का सबसे चमकीला तारा - सीरियस /डॉग स्टार
  • सूर्य का सबसे नजदीकी तारा - प्रॉक्सिमा सेंचुरी
  • हमारे सौरमंडल के सबसे नजदीकी आकाशगंगा - एन्ड्रोमीडा
  • नॉर्थ स्टार यादव तारा की मदद से दिशाओं का पता लगाया जा सकता है।
  • पृथ्वी के सबसे नजदीकी तारा- सूर्य

पृथ्वी केंद्रित संकल्पना (Geocentric)

  •  क्लॉडियस टाॅल्मी ने 140 AD में एक संकल्पना दी जिसमें उसने बताया कि ब्रह्मांड के केंद्र में पृथ्वी हैं और सूर्य एवं अन्य सभी ग्रह पृथ्वी के चक्कर लगाते हैं।

सूर्य केंद्रीय संकल्पना (Heliocentric)

  • 1546 AD में निकोलस कॉपरनिकस ने यह संकल्पना दी की ब्रह्मांड के केंद्र में सूर्य है व पृथ्वी सहित अन्य सभी ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं।

गैलीलियो 

  • यह प्रथम व्यक्ति था जिसने 1609 में टेलीस्कोप की मदद से ग्रहों का अध्ययन किया।
गैलीलियो द्वारा खोजे गए ग्रह
  1. बुध (Murcury)
  2. शुक्र (Venus)
  3. मंगल (Mars)
  4. बृहस्पति (Jupitar)
  5. शनि (Saturn)

विलियम हर्शेल

  • 1805 में इसने बताया कि हमारा सौरमंडल एक आकाशगंगा का छोटा सा भाग है।
  • इन्होंन अरुण (Uranus) ग्रह की खोज की।

सौरमंडल के सदस्य

  1. सुर्य (Sun)
  2. ग्रह (Planets)
  3. उपग्रह (Satellite)
  4. क्षुद्रग्रह (Asteroids)
  5. धूमकेतु (Comets)
  6. उल्कापिंड (meteors)
  7. धुलकण व गैस (Dust and Gases)

सुर्य 

  • सूर्य को सौरमंडल का जनक कहा जाता है
  • सूर्य पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है।
  • सूर्य की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या से 109 गुना बड़ी है।
  • सूर्य पृथ्वी से 14.98 करोड किलोमीटर दूर स्थित है।
  • पृथ्वी से सूर्य की दूरी को एक खगोलीय इकाई कहा जाता है।
  • सुर्य के प्रकाश की गति - 3×108m/sec
  • सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 18 सेकंड का समय लगता है।
  • सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से 28 गुना अधिक है।
  • सूर्य की ऊर्जा का स्त्रोत-  नाभिकीय संलयन
  • सूर्य में हाइड्रोजन हीलियम का अनुपात 3:1 है।

सूर्य में गैसे

  1. हाइड्रोजन- 71%
  2. हीलियम- 26.5%
  3. अन्य गैसे - 2.5%
  • सूर्य का सबसे चमकीला भाग प्रकाश मंडल (Photosphere) कहलाता है यह दो भागों में बँटा होता है किरीट(Corona) व क्रोड(Core)
  • सूर्य से ज्वालाओं का ऊपर उठना एवं सूर्य पर एक सौरकलंक का निर्माण होने की प्रक्रिया को सौर चक्र कहा जाता है एक सौर चक्र को पूरा होने में 22 वर्ष का समय लगता है।

ग्रह (Planets)

  • हमारे सौरमंडल मे 8 ग्रह है।

आंतरिक ग्रह / पार्थिव ग्रह

बुध (Murcury)

  • सुर्य के सबसे निकट ग्रह।
  • यह 88 दिन मे सुर्य का एक परिक्रमण कर लेता है।
  • यह सबसे छोटा ग्रह है।
  • इसका दैनिक रूपान्तर- 600°centigrade है।
  • इसका कोई उपग्रह नही है।
  • इसका वायुमंडल नही पाया जाता।

शुक्र (Venus)

  • यह सबसे गर्म ग्रह है क्योंकि इसके वायुमंडल में 90-95% कार्बणडाई ऑक्साइड पाई जाती है।
  • यह 225 दिन मे सुर्य का परिक्रमण पुर्ण करता है।
  • यह पुर्व से पश्चिम कि ओर परिक्रमण करता है।
  • यह 243 दिन मे अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाता है यह सबसे धीमा परिभ्रमण/घुर्णन करने वाला ग्रह है।
  • यह पृथ्वी का सबसे नजदीकी ग्रह है।
  • इसका अपना कोई उपग्रह नही है।
  • यह सबसे चमकीला ग्रह है।
  • इसे पृथ्वी का जुड़वा ग्रह भी कहा जाता है।
  • इस ग्रह को भोर का तारा (Morning star) एवं सांझ का तारा (Evening star) भी कहा जाता है।
  • इसका नाम ग्रीक के सुंदरता के देवता के नाम पर रखा है।

पृथ्वी (Earth)

  • इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि इसके 2/3 भाग पर पानी है।
  • यह सबसे अधिक घनत्व वाला ग्रह है। (5.52gm/cm3)
  • पृथ्वी का आकार - जियाॅड आकार
  • यह पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • पृथ्वी अपने अक्ष पर साढे 23° झुकी हुई है।
  • पृथ्वी का ध्रुवीय व्यास - 12714 किमी
  • पृथ्वी का विषुवतीय व्यास - 12756 किमी
  • पृथ्वी पर सबसे बडा वृत - विषुवतीय महान वृत (40076Km)
  • पृथ्वी की त्रिज्या ‌- 6371 किमी
  • पृथ्वी का पृष्ठीय क्षेत्रफल- 51.1 करोड Km2
  • पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल - 9.8 मी/सैकंड2

पृथ्वी की गतियाँ 

1) घुर्णन गति /परिभ्रमण गति

पृथ्वी का अपने अक्ष पर घुमना घुर्णन कहलाता है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर परिभ्रमण करती है।
पृथ्वी की औसत घुर्णन गति- 1670Km/h
पृथ्वी को एक घुर्णन पूर्ण करने मे 23 घण्टे 56 मिनट 4 सैकैण्ड का समय लगता है।

पृथ्वी के घुर्णन के प्रभाव

दिन-रात की घटना
पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने के कारण दिन रात एक समान नही होते है।
घुर्णन के कारण सूर्य, चन्द्रमा तथा अन्य पिंड गतिमान अवस्था में दिखाई देते है।
पृथ्वी के घुर्णन के कारण पवनो का विक्षेपण होता है, जिसे काॅरियोलिस बल कहते है, विषुवत रेखा पर काॅरियोलिस बल शून्य होता है इसी कारण विषुवतीय रेखा के आस पास विषुवतीय चक्रवात उत्पन्न नही होते है, काॅरियोलिस बल ध्रुवो पर सर्वाधिक होता है।
पृथ्वी के घुर्णन के कारण ज्वार भाटा की आवृत्ति अधिक होती है।
देशांतर रेखाओ का निर्धारण पृथ्वी के घुर्णन से होता है।

परिक्रमण गति 

पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाना परिक्रमण कहलाता है।
पृथ्वी को परिक्रमण मे कुल समय - 365 दिन 5 घन्टे 48 मिनट 46 सैकैण्ड (सौर वर्ष), एक सौर वर्ष में सूर्य भूमध्य रेखा को दो बार पार करता है।
परिक्रमण गति - 107000Km/h या 29.8km/s

पृथ्वी के परिक्रमण के प्रभाव

दिन रात की अवधि का असमान होना।
ऋतु परिवर्तन 
विषुप, उपसौर, अपसौर की घटनाएँ, ग्रीष्म आयनांत तथा शीत आयनांत की स्थिति 

विषुव (equinoxes) 

जब सूर्य की लम्बवत किरणे विषुवत रेखा पर पडती है तो उस स्थिति को विषुप कहा जाता है, इस स्थिति में दोनों गौलार्दो में दिन और रात की अवधि बराबर होती है।

यह दो प्रकार का होता है।

1) बसंत विषुव - 21 मार्च 
2) शरद/पतजड विषुव - 23 सितम्बर 

आयनांत 

जब सूर्य की लंबवत किरणें कर्क या मकर रेखा पर होती है तो उस स्थिति को आयनांत कहा जाता है।

यह दो प्रकार का होता है।

1) ग्रीष्म आयनांत - जब सूर्य की लंबवत किरणें कर्क रेखा पर पड़ती है तो उस स्थिति को ग्रीष्म आयनांत कहा जाता है।
यह स्थिति 21 जून को होती है।
इस स्थिति में उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन एवं दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन होता है।

2) शीत आयनांत - जब सूर्य की लंबवत किरणें मकर रेखा पर पड़ती है तो इस स्थिति को शीत आयनांत कहा जाता है।
यह स्थिति 22 दिसंबर को होती है।
इस स्थिति में उत्तरी गोलार्ध में सबसे 20 दिन एवं दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़े दिन होते हैं।

उपसौर व अपसौर

उपसौर - जब परिक्रमण के दौरान पृथ्वी तथा सूर्य के मध्य की दूरी न्यूनतम हो जाती है तो उसे उपसौर कहा जाता है, यह 14.7 करोड किमी हो जाती है।
यह स्थिति 3 जनवरी को होती है।

अपसौर - जब परिक्रमण के दौरान पृथ्वी तथा सूर्य के मध्य की दूरी अधिकतम हो जाती है तो उसे अपसौर कहा जाता है, यह 15.2 किमी हो जाती है।
यह स्थिति 4 जुलाई को होती है।

पृथ्वी सम्मेलन

पहला पृथ्वी सम्मेलन 1992 मे रियो मे हुआ।

मंगल (Mars)

  • मंगल ग्रह को लाल ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि इस पर आयरन ऑक्साइड कि अधिकता पाई जाती है।
  • यह 685 मे सुर्य का परिक्रमण पुर्ण करता है।
  • सौरमंडल के सबसे बडे ज्वालामुखी ओलम्पस मैसी का संबंध मंगल ग्रह से है। 
  • निक्स ओलम्पिया पर्वत मंगल ग्रह पर स्थित है जो माउण्ट एवरेस्ट से लगभग तीन गुना बडा है।

इसके दो उपग्रह है

  1. फोबोस
  2. डीमोस - यह हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है।

बाह्य /जोवियन/ गैसीय ग्रह

बृहस्पति (Jupitar)

  • यह सबसे बडा ग्रह है।
  • यह 10 घण्टे में अपने अक्ष पर घुर्णन कर लेता है इसलिए इसे सबसे तीव्र घुर्णन करने वाला ग्रह कहा जाता है।
  • यह 11.8/ 12 वर्षो मे सुर्य का एक चक्कर पूर्ण करता है।
  • इसके 79 उपग्रह है यह दुसरा सर्वाधिक उपग्रहों वाला ग्रह है।

बृहस्पति के प्रमुख उपग्रह 

  1. ग्यानीमीड - यह सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
  2. केलिस्टो 
  3. युरोपा

शनि (Saturn)

  • यह दुसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • यह सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है इसका घनत्व 0.70ग्राम/सेन्टीमीटर3 है।
  • इसे पीला ग्रह भी कहा जाता है।
  • इसके 82 उपग्रह है इसलिए इसे सर्वाधिक उपग्रहों वाला ग्रह माना जाता है।
  • शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है।
  • इसके चारो ओर 7 वलय पाए जाते हैं इसलिये इसे वलयित ग्रह (Ringed Planet) कहा जाता है।
  • शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है।

अरूण (Uranus)

  • मीथेन गैस की अधिकता के कारण इसे हरा ग्रह भी कहा जाता है।
  • इसे लूटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि यह अपने अक्ष पर 90 डिग्री तक झुका हुआ है।
  • इसके चारों और पांच वलय पाए जाते हैं।
  • इसके 27 उपग्रह है।
  • यह 84 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है।

वरूण (Naptune) 

  • यह सौरमंडल का सबसे बाह्य ग्रह है।
  • यह 165 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है।
  • यह सबसे ठंडा ग्रह है।
  • इसके 14 उपग्रह है।
  • शुक्र (Venus )व अरूण (Uranus) घङी कि विपरीत दिशा मे सुर्य के चक्कर लगाते है।
  • 2006 के बाद से यम (pluto) को ग्रहों की श्रेणी से बाहर कर दिया गया क्योकी यह ग्रह होने के मानदंड को पूरा नही करता था वर्तमान में इसे बौना ग्रह कहा जाता है।
  • ग्रहों का घटता हुआ क्रम - बृहस्पति, शनि, अरूण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, बुध

क्षुद्रग्रह (Asteroid)

  • क्षुद्रग्रह वे खगोलीय पिण्ड है जो मंगल व बृहस्पति के बीच विचरण करते है।
  • इनकी संख्या लगभग 40000 होती है।

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