". अरब आक्रमण व तुर्क आक्रमण ~ Rajasthan Preparation

अरब आक्रमण व तुर्क आक्रमण


अरब आक्रमण व तुर्क आक्रमण

  • भारत पर आक्रमण करने वाले प्रथम मुस्लिम आक्रांता अरब थे।

अरब आक्रमण

अरब आक्रमण का कारण

  • श्रीलंका के शासक ने अरबो के लिए हीरे जवाहरातों से भरा हुआ एक जहाज भेजा जिसे सिंध मे देवल थट्टा में लूटेरो ने लूट लिया।

मोहम्मद बिन कासिम

रावर का युद्ध 
  • अल हज्जाज के आदेश पर मोहम्मद बिन कासिम ने 712 ई मे सिंध शासक दाहिर पर आक्रमण किया और दाहिर को मार दिया।
  • दाहिर की पत्नी  रानीदेवी/रंगदेवी सती हो गई इसे मध्यकालीन इतिहास में सती होने का पहला प्रमाण माना जाता है।
  • कासिम ने सिंध जीतने के बाद भारत में सर्वप्रथम जजिया कर लगाया।
  • कासिम ने दिरहम नामक सिक्का चलाया।
  • इसने मुल्तान को भी लूटा और इसका नाम बदलकर सोननगर रख दिया।
  • चचनामा ग्रंथ के अनुसार दाहिर कि पुत्रियो सुर्या एवं परिमला ने खलीफा को भडकाकर कासिम की हत्या करवा दी।
  • ईरानी इतिहासकार बलाजुरी के अनुसार नया खलीफा अल हज्जाज का दुश्मन था इसलिए उसने कासिम को बंदी बनाकर हत्या कर दी।
  • ऊँट व खजुर की खेती भारत को अरबों की देन है।

तुर्क आक्रमण 

  • तुर्की गजनी (अफगानिस्तान) के शासक थे 962 ई मे अल्पतगीन ने ग़जनी में तुर्की साम्राज्य की स्थापना की।
  • सर्वप्रथम तुर्की आक्रांता सुबक्तगीन ने 987 ई मे पंजाब के शासक जयपाल पर आक्रमण किया ओर इसे परास्त कर दिया।
  • सुबक्तगीन की मृत्यु के बाद इसका का छोटा पुत्र महमूद बडे भाई इसमाल को मारकर ग़जनी का शासक बना।

महमूद गजनवी (998ई - 1030ई)

  • उपाधि - यामिन-उल-दौला, यामिन-उल-अल्लाह
  • इसने भारत पर सर्वाधिक बार (17 बार) आक्रमण किए।
  • प्रथम आक्रमण- 1000 ई मे पेशावर (पाकिस्तान मे) पर।
  • दुसरा आक्रमण- 1001 ई मे पंजाब के शासक जयपाल पर।
  • पाँचवा आक्रमण- 1007 ई मे ओहिंद (मुल्तान) के शासक सुखपाल पर किया, सुखपाल ने पराजित होकर इस्लाम कबूल कर दिया और अपना नाम बदलकर नौसाशाह रख दिया।
  • बाहरवा आक्रमण- 1018 ई मे मथुरा व कन्नौज पर आक्रमण किया व कालिंजर शासक विद्याधर को पराजित किया।
  • सोलहवां आक्रमण - 1025 ई में गुजरात के सोमनाथ मंदिर को लूटा।
  • सत्रहवा आक्रमण - 1027 ईस्वी में इसने मुल्तान व सिंध के जाटों पर आक्रमण किया यह गजनवी का भारत पर अंतिम आक्रमण था।
  • महमूद गजनवी विश्व का पहला ऐसा शासक है जिसने सुल्तान की उपाधि धारण की।

महमूद गजनवी के दरबारी विद्वान व उनके ग्रंथ

  • उत्तवी - किताब-उल-यामीनी, तारीख-उल-यामीनी
  • अलबरूनी - यह महमूद के साथ भारत आया था। ग्रंथ किताब-उल-हिन्द, तारीख-उल-हिन्द
  • फिरदोसी- इसे पूर्व का हैमर कहा जाता है। ग्रंथ - शाहनामा
  • बैहाकी - इसे पूर्व का पेप्स कहा जाता था। ग्रंथ - तारीख-ए-सुबक्तगीन

गौरी वंश 

मोहम्मद गौरी
  • 1173 मे अंतिम गजनवी शासक मलिक खुशरव की हत्या करके मौहम्मद गौरी ग़जनी का शासक बना।
  • गौरी का भारत पर आक्रमण करने का उद्देश्य भारत में अपने साम्राज्य स्थापित करना था
  • गौरी ने भारत पर प्रथम आक्रमण 1175 ई मे मुल्तान पर किया इसमें गोरी विजयी रहा।
  • गौरी ने भारत पर दूसरा आक्रमण 1176 ईस्वी में सिंध पर किया इसमें भी गौरी विजयी रहा।
  • गौरी ने भारत पर तीसरा आक्रमण गुजरात के शासक भीमराज द्वितीय या मूलराज द्वितीय पर किया जिसमें मूलराज की माता नायिका देवी के नेतृत्व में सेना ने गौरी को बुरी तरह पराजित किया।
तराइन का प्रथम युद्ध - 1191
  • अजमेर व दिल्ली के चौहान सम्राट पृथ्वीराज तृतीय एवं मुहम्मद गौरी के मध्य यह युद्ध हुआ जिसमे पृथ्वीराज की विजय हुई। 
तराइन का द्वितीय युद्ध - 1192
  • अजमेर व दिल्ली के चौहान सम्राट पृथ्वीराज तृतीय एवं मुहम्मद गौरी के मध्य यह युद्ध हुआ जिसमे मुहम्मद गौरी की विजय हुई।
  • इस युद्ध से पहले मोहम्मद गोरी ने किवाम-उल-मुल्क को दूत बनाकर पृथ्वीराज के दरबार में भेजा था।
  • युद्ध के दौरान मोहम्मद गोरी के साथ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भारत आए।
  • इस युद्ध के बाद भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना हुई।

चंदावर का युद्ध - 1194

  • मोहम्मद गौरी जयचंद गढ़वाल के मध्य यह युद्ध हुआ जिसमें मोहम्मद गौरी विजयी रहा।
  • इस युद्ध के बाद मोहम्मद गौरी ने भारत का प्रशासक कुतुबुद्दीन ऐबक को नियुक्त किया एवं स्वयं मध्य एशिया अभियान पर चला गया।
  • 1206 ई में मोहम्मद गौरी खोखर जाटों के विद्रोह का दमन करने भारत लौटा जिसमें जाटों ने उसकी हत्या कर दी।

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