राजस्थानी आभूषण एवं वेषभूषा
पुरूषो की वेषभूषा
पगडी व साफा - सिर पर पहने जाने वाले वस्त्र
बागौ - घेरदार पगडी
उपरणी - पगडी के ऊपर बांधा जाने वाला वस्त्र।
मदिल - दशहरे के दिन पहनी जाने वाली पगडी।
आढा - दिपावली के दिन पहने जाने वाली पगडी।
मोढडा - विवाह के अवसर पर पहनी जाने वाली पगडी।
फेटा - भील पुरुषों का रंगीन साफा
पोत्या - भील पुरुषो द्वारा सिर पर पहने जाने वाला सफेद वस्त्र
खपटा -सहरिया जनजाति का साफा
पांच - गरासिया जनजाति का साफा
अंगोचा - पुरूषों द्वारा गले मे डाला गया वस्त्र
फालू - भील जनजाति का अंगोचा
पछेवडा - सर्दियों से बचाव हेतु ओढा जाने वाला वस्त्र
घुग्गी - बारिश से बचने हेतु ओढा जाने वाला वस्त्र
जामा - कमर से घुटनो तक पहना जाने वाला वस्त्र
पायजामा - कमर से पाँव तक पहना जाने वाला वस्त्र
ब्रिचेस - चुडीदार पायजामा
चोगा - जामा व पायजामा के ऊपर पहना जाने वाला बिना बाँहो का वस्त्र
अंगरखी - कमर से ऊपर पहना जाने वाला वस्त्र जिसके आगे दो कसे होती है।
बुगतरी - ग्रामीण क्षेत्रो मे अंगरखी को बुगतरी कहा जाता है।
धोती - कमर से पाव तक बांधा जाने वाला वस्त्र
लंगोट - भील पुरुषो द्वारा कमर पर बांधा गया वस्त्र
आतमसुख - सर्दियों से बचाव हेतु पहना जाने वाला मोटा वस्त्र
महिलाओं की वेषभूषा
कुर्ती - महिलाओं द्वारा कमर से ऊपर पहना गया बांह सहित वस्त्र।
काचली - महिलाओं द्वारा कमर से ऊपर पहना गया बांह रहित वस्त्र।
कापडी - महिलाओं द्वारा कमर से ऊपर पहना जाने वाला छोटा वस्त्र।
लहंगा - महिलाओं का कमर से पाव तक पहना जाने वाला वस्त्र।
घाघरा - महिलाओं द्वारा कमर से पांव तक पहना जाने वाला वस्त्र।
पेसवाज - महिलाओं द्वारा गले से पांव तक पहना जाने वाला वस्त्र।
बुर्का - मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला काले रंग का वस्त्र।
तिलका - मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला सफेद रंग का बुर्का
जरी या बरी - विवाह के अवसर पर महिलाओं द्वारा पहने जाने वाली वेशभूषा, यह जयपुर की प्रसिद्ध है।
पीला - महिलाओं द्वारा संतान प्राप्ति के बाद कुआं पूजन के दिन पहने जाने वाला वस्त्र।
कटकी - अविवाहित कन्याओं द्वारा ओढे जाने वाली लाल व काले रंग की ओढ़नी। इसे पावली भात की ओढ़नी भी कहा जाता है।
जामसाई - आदिवासी महिलाओं की साड़ी को जामसाई कहा जाता है।
नान्दणा - आदिवासी महिलाओं के घागरे को नान्दणा कहते हैं यह राजस्थान में भीलवाड़ा का प्रसिद्ध है।
फडका - कथौड़ी जनजाति की महिलाओं द्वारा मराठी अंदाज में पहने जाने वाली साड़ी।
पंवरी - आदिवासी दुल्हन द्वारा पहनी गई गुलाबी रंग की साड़ी।
मामा चुनर - विवाह के अवसर पर मामा द्वारा भेंट की गई चुनर।
चिड का पोमचा - हाडोती क्षेत्र में विधवा महिलाओं द्वारा ओढी जाने वाली काले रंग की ओढ़नी।
मौखडी - महिलाओं द्वारा पहनी गई लाख की चूड़ियां।
आभूषण
सिर - शिशफुल, शेरा, मेमंद, सांकली, देवाड, टीका, बोरला, रखडी, सिरमांग, मांगपत्र, गोफण, ताबिद
आँख - बादली
नाक - लूंग, नथनी, कांटा, फिणी, वेसरि,
कान - कर्णफूल, झुमरिया, टाॅस, ओगनिया, ऑटी, झुमका, बाली, मुरकी, सुरलिया
दाँत - चूंप, रखण, धौंस,मेक, कील
गला - चन्द्रहार, सोहनहार, नलहार, मोतीहार, मोहनमाला, टुस्सी, कंठी, मटरमाला, चन्द्रमाला, हमेरमाला, बजन्टी, टेवटा, आड, नेकलेस, पंचलडी, मंडली, हांसली, आचोरी, जंजीर, हालरो, बेहाल, खुंगाली, तिमणियाँ , चंपाकली
पेट - भम्भी
कमर - कन्दौरा, कन्दौरी, तगडी, सटका, मेरवाला, सिनामा, हालम, जंजीर, धाकडी, कर्घनी, करधनी, कणकती, कणकावती
हाथ - दामणा, कंगन, चुडा, बंगडी, मोकडी, गोखरू
हाथ की अंगुली - बींठी, पवित्री, अंगुठी
पैर का अंगूठा- गौर
पैर की अंगुली- फोलरी, बिछिया, पगपान,
पैर - नेवरी
वक्ष - मांदल्या
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