". राजस्थान के प्रजामंडल आंदोलन ~ Rajasthan Preparation

राजस्थान के प्रजामंडल आंदोलन


राजस्थान के प्रजामंडल आंदोलन

जयपुर प्रजामंडल 1931

  • जयपुर प्रजामंडल में जन जागरण का श्रेय अर्जुन लाल सेठी को दिया जाता है।
  • 1922 में जयपुर प्रजामंडल में हिंदी को राजभाषा बनाने हेतु आंदोलन किया गया।
  • 1927 में सेठ जमनलाल बजाज ने चरखा संघ की स्थापना की।
  • कर्पूरचंद्र पाटनी ने 1931 में जयपुर प्रजामंडल की स्थापना की।
  • 5 अप्रैल 1931 में मोतीलाल दिवस मनाया गया।
  • चिरंजीलाल मिश्र, सेठ जमनलाल बजाज एवं कर्पूरचंद्र पाटनी ने 1936 में जयपुर प्रजामंडल का पुनर्गठन किया।
  • 9 मई 1938 में जमुना लाल बजाज की अध्यक्षता में जयपुर प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन आयोजित किया गया, इस अधिवेशन में कस्तूरबा गांधी ने भी भाग लिया।
  • इस दौरान जमनालाल बजाज को बैराट से बंदी बना लिया इस पर महात्मा गांधी ने कहा कि बजाज की गिरफ्तारी को हम राष्ट्रीय प्रश्न बना लेगे।
  • दुर्गा देवी ने यहां महिला सत्याग्रह का नेतृत्व किया।
  • शेखावटी किसान आंदोलन ने भी जयपुर प्रजामंडल का समर्थन किया।
  • 1940 में इस प्रजा मंडल का अध्यक्ष हीरालाल शास्त्री को बनाया गया।
  • 1941 में चिरंजीलाल मिश्र ने प्रजामंडल प्रगतिशील संघ की स्थापना की।
  • सितम्बर 1942 में हीरालाल शास्त्री एवं जयपुर के प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइल के मध्य समझौता हुआ जिसे जैंटलमैन एग्रीमेंट कहां गया, इसके अंतर्गत उत्तरदाई शासन लागू करने का आश्वासन दिया गया।
  • 1942 में बाबा हरिश्चंद्र में आजाद मोर्चा नाम से एक नया संगठन बना लिया, बाद में 1945 में जवाहरलाल नेहरू के कहने पर इस संगठन का विलय कांग्रेस में कर दिया गया।
  • 1946 में देवी शंकर तिवारी को गैर सरकारी सदस्य के रूप में जयपुर मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया, इनके बाद दौलत मल भंडारी को भी शामिल किया गया।
  • 1948 में बीटी कृष्णमाचारी ने संवैधानिक सुधारों की घोषणा की।
  • 1948 में भूमि सुधार हेतु प्रतिवेदन जारी किया गया इसे मैग्नाकार्टा कहा गया।
  • 1948 में हीरालाल शास्त्री जी को जयपुर मंत्रिमंडल में सचिव बनाया गया।
  • 30 मार्च 1949 मे जयपुर रियासत का संयुक्त वृहद राजस्थान मे विलय हो गया।

मारवाड़ प्रजामंडल 

  • 1920 मे चाँदमल सुराणा ने मारवाड़ सेवा संघ की स्थापना की।
  • चाँदमल सुराणा को मारवाड़ मे जनजागरण का श्रेय दिया जाता है।

  • 1929 मे मारवाड राज्य लोक परिषद की स्थापना हुई।
  • 1931 मे चाँदकरण शारदा के नेतृत्व मे मारवाड राज्य लोक परिषद का पुष्कर में प्रथम अधिवेशन हुआ, इसमे कस्तूरबा गाँधी ने भाग लिया।
  • 1934 मे मारवाड प्रजामंडल की स्थापना की गई।

मारवाड़ प्रजामंडल की स्थापना मे योगदान

  1. भँवरलाल सर्राफ (अध्यक्ष)
  2. अभयमल जैन
  3. अचलेश्वर प्रसाद
  4. जयनारायण व्यास 
  • 1936 मे इस पर प्रतिबंध लगा लिया गया।
  • 1936 मे जयनारायण व्यास को बंदी बनाकर सिवाणा दुर्ग में रखा गया।
  • मथुरादास माथुर व गणेश व्यास को जालौर दुर्ग में बंदी बनाकर रखा।
  • 1936 मे मारवाड मे कृष्णा दिवस मनाया गया।
  • 1936 मे पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मारवाड़ की यात्रा की।
  • 1937 मे महाराजा गंगासिंह ने तत्कालीन अंग्रेज अधिकारी डोनाल्ड फिल्ड को जयनारायण व्यास के पक्ष मे पत्र लिखा।
  • 16 मई 1938 मे सुभाषचंद्र बोस की प्रेरणा से रणछोड़ दास गट्टानी ने मारवाड़ लोक परिषद की स्थापना की।
  • 1941 मे जोधपुर में जयनारायण व्यास की अध्यक्षता में व्यक मताधिकार के आधार पर चुनाव हुए।
  • 1942 मे बालमुकुन्द ने जेल व्यवस्था के विरुद्ध भुख हडताल की एवं 19 जुन 1942 मे शहीद हो गए।
  • 1944 मे S A सुधाकर की अध्यक्षता में प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया।
  • 1945 मे पंडित नेहरू ने जोधपुर की यात्रा की।
  • 13 मार्च 1947 मे डाबडा हत्याकांड हुआ।
  • 1948 मे जयनारायण व्यास को प्रधानमंत्री बनाया गया।

मेवाड प्रजामंडल 

  • माणिक्यलाल लाल वर्मा को मेवाड क्षेत्र में जनजागरण का श्रेय दिया जाता है।
  • 1934 मे माणिक्यलाल वर्मा ने (खांडलाई आश्रम) आदिवासी आश्रम की स्थापना की।
  • 1944 मे नारायणी देवी ने महिला आश्रम की स्थापना की।
  • 1938 मे मेवाड प्रजामंडल की स्थापना हुई।

मेवाड प्रजामंडल की स्थापना मे योगदान।

  1. माणिक्यलाल वर्मा 
  2. बलवंत सिंह मेहता (अध्यक्ष)
  3. हीरालाल कोठारी
  4. भवानी शंकर वैद्य
  • इस प्रजामंडल का प्रारंभिक केन्द्र नाथद्वारा था।
  • मई 1938 मे मेवाड के प्रधानमंत्री धर्मनारायण काक ने प्रजामंडल पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • मेवाड प्रजामंडल का अस्थायी केन्द्र अजमेर मे बनाया।
  • 1938 मे रमेशचन्द्र व्यास ने सत्याग्रह का नेतृत्व किया, इन्हे बंदी बना लिया गया, इन्हे मेवाड के प्रथम सत्याग्रही माना जाता है।
  • माणिक्यलाल वर्मा के सहयोगी भुरेलाल बयां को बंदी बना लिया गया एवं सराडा के किले मे रखा गया।
  • ऊंजा गाँव में माणिक्यलाल वर्मा को बंदी बना लिया एवं कुंभलगढ दुर्ग में रखा गया, 1941 मे इन्हे मुक्त किया गया।
  • 25 नवम्बर 1941 को माणिक्यलाल वर्मा की अध्यक्षता में शाहपुरा हवेली मे मेवाड प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन हुआ।
  • विजयलक्ष्मी पंडित ने खादी आश्रम का उद्घाटन किया।
  • इस अधिवेशन में मोहनलाल सुखाडिया एवं ठक्कर बप्पा को हरिजन सेवा संघ का दायित्व सौंपा गया।
  • 1942 मे भारत छोड़ो आंदोलन के अंतर्गत माणिक्यलाल वर्मा के पुरे परिवार ने गिरफ्तारी दी।
  • 1942 मे वीरभद्र जोशी एवं रोशनलाल ने उदयपुर उच्च न्यायालय पर तिरंगा फहराया।
  • 1947 मे ठाकुर राव मनोहर को प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • 1947 मे के एम मुंशी को संवैधानिक सलाहकार बनाया गया।
  • 1947 मे हीरालाल कोठारी एवं माणिक्यलाल वर्मा को मंत्रिमंडल मे शामिल करने की स्वीकृति मिली।
  • 18 अप्रैल 1948 मे उदयपुर राज्य का विलय कर लिया गया।

बीकानेर प्रजामंडल 

  • स्वामी गोपालदास को बीकानेर मे जनजागरण का श्रेय दिया जाता है।
  • बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना 4 अक्टूबर 1994 मे हुई।

बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना मे योगदान।

  1. मघाराम वैद्य (अध्यक्ष)
  2. लक्ष्मण स्वरूप 
  • बीकानेर प्रजामंडल का केन्द्र कलकत्ता मे था।
  • 22 जुलाई 1942 मे रघुवर दयाल गोयल ने बीकानेर प्रजा परिषद की स्थापना की।
  • विजयसिंह मेहता ने बीकानेर मे नादिरशाही पुस्तक की रचना की।
  • बीकानेर प्रजामंडल ने बीकानेर की थोथी पोथी नामक पत्रक का प्रकाशन किया।
  • 30 जुन 1946 मे रायसिंह नगर मे सत्यनारायण सर्राफ की अध्यक्षता में बीकानेर प्रजा परिषद का प्रथम अधिवेशन हुआ, इस दौरान बीरबल हत्याकांड हुआ।
  • 1946 मे बीकानेर रियासत ने उत्तरदायी शासन की घोषणा की।
  • 07 अगस्त 1947 मे महाराजा शार्दुल सिंह ने भारत मे विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए ऐसा करने वाले यह राजस्थान की प्रथम रियासत थी।
  • 30 मार्च 1049 मे बीकानेर रियासत का वृहद राजस्थान मे विलय हो गया।

जैसलमेर प्रजामंडल 

  • जैसलमेर मे जनजागरण का श्रेय सागरमल गोपा को दिया जाता है।
  • 1915 मे सागरमल गोपा ने सर्वहितकारिणी वाचनालय की स्थापना की।
  • 22 मई 1941 को इन्हे जेल मे डाल दिया गया।
  • 24 दिसम्बर 1945 को मीठालाल व्यास द्वारा जोधपुर में जैसलमेर प्रजामंडल की स्थापना की।
  • 3 अप्रैल 1946 को इन्हे जिंदा जला दिया गया, किंतु 04 अप्रैल 1946 को यह शहीद हुए ।
  • 30 मार्च 1949 मे जैसलमेर रियासत का विलय हो गया।

अलवर प्रजामंडल 

  • अलवर में जन जागरण का श्रेय हरिनारायण शर्मा को दिया जाता है।
  • 1938 में अलवर प्रजामंडल की स्थापना हुई।

अलवर प्रजामंडल में योगदान 

  • हरिनारायण शर्मा
  • कुंज बिहारी मोदी
  • अलवर प्रजामंडल का पंजीकरण प्रोग्रेसिव एसोसिएशन के नाम से किया गया।
  • इस प्रजामंडल की उत्तरदाई शासन की स्थापना के साथ स्कूल से में कमी करने की भी मांग थी।
  • 1940 में अलवर में वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव किए गए।
  • इस प्रजामंडल में कर बंदी अभियान भी चलाया गया।
  • भोलाराम ने गैर जिम्मेदार मिनिस्टरो कुर्सी छोड़ो नामक अभियान चलाया।
  • 1944 में खैरथल (अलवर) में इस प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन भवानी शंकर शर्मा के नेतृत्व में हुआ।
  • 1947 में अलवर महाराजा तेज सिंह ने उत्तरदाई शासन की घोषणा की।
  • फरवरी 1948 में अलवर का शासन भारत सरकार के अधीन हो गया।
  • 18 अप्रैल 1948 को अलवर रियासत का विलय मत्स्य संघ मे कर लिया।

भरतपुर प्रजामंडल 

  • भरतपुर में जन जागरण का श्रेय गोपीलाल यादव को दिया जाता है।
  • 1928 में गोपीलाल यादव ने भरतपुर राज्य प्रजा परिषद की स्थापना की।
  • 1938 मे भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना हुई।

भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना मे योगदान।

  1. किशनलाल जोशी
  2. गोपीलाल यादव (अध्यक्ष)
  3. मास्टर आदित्येन्द्र
  4. जुगल किशोर चतुर्वेदी
  • इसकी स्थापना रेवाडी (हरियाणा) मे हुई।
  • 1938 में एम एन राय की अध्यक्षता मे फतेहपुर सीकरी मे इसका प्रथम राजनीतिक सम्मेलन हुआ।
  • 1939 मे मास्टर आदित्येन्द्र ने भरतपुर प्रजा परिषद की स्थापना की।
  • 1941 मे जय नारायण व्यास की अध्यक्षता में इसका प्रथम अधिवेशन भरतपुर में हुआ।
  • 1945 में जय नारायण व्यास की अध्यक्षता में इसका दुसरा अधिवेशन (बयाना) भरतपुर में हुआ।
  • 1946 में पट्टाभिसीतारमैया की अध्यक्षता में इसका तीसरा अधिवेशन (कामा) भरतपुर में हुआ।
  • 25 दिसम्बर 1944 मे भरतपुर राज्य प्रजा परिषद दिवस मनाया।
  • 11 जुलाई 1945 को दमन विरोधी दिवस मनाया गया।
  • 9 अगस्त 1945 में मुक्ति दिवस मनाया गया।

धौलपुर प्रजामंडल

  • धौलपुर में जन जागरण का श्रेय यमुना प्रसाद को दिया जाता है।
  • 1910 में यमुना प्रसाद ने आचार सुधारीणी सभा की स्थापना की।
  • ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु एवं इंद्रलाल जौहरी ने 1934 में नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना की।
  • ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु एवं कृष्ण दत्त पालीवाल ने 1936 में धौलपुर प्रजामंडल की स्थापना की।
  • तसीमो कांड का संबंध इसी प्रजामंडल से है।

करौली प्रजामंडल

कुंवर मदन पाल सिंह ने करौली मे जन जागरण हेतु दो संस्थाओं का गठन किया।

  1. प्रेमाश्रम 
  2. ब्रह्मचर्य आश्रम
  • 1938 में करौली प्रजामंडल की स्थापना हुई।

करौली प्रजामंडल की स्थापना में योगदान

  1. त्रिलोक चंद्र माथुर (अध्यक्ष)
  2. चिरंजी लाल मिश्र

हाडौती प्रजामंडल 

  • हाडौती में जनजागरण का श्रेय पंडित नयनू राम शर्मा को दिया जाता है।
  • 1934 में हाडौती प्रजामंडल की स्थापना की गई।

हाडौती प्रजामंडल की स्थापना में योगदान।

  1. पंडित नयनूराम शर्मा 
  2. हाजी फैज मोहम्मद (अध्यक्ष)
  3. प्रभु लाल विजय

कोटा प्रजामंडल 

  • 1939 में कोटा प्रजामंडल की स्थापना नयनूराम शर्मा ने की।

कोटा प्रजामंडल की स्थापना में योगदान

  • नयनू राम शर्मा 
  • अभिन्न हरि
  • 1939 में शारदा भार्गव ने कोटा में महिला सम्मेलन का नेतृत्व किया।
  • 1939 मे मांगरोल (बांरा) में नयनूराम शर्मा की अध्यक्षता में कोटा प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन हुआ।
  • 1941 में अभिन्न हरि की अध्यक्षता में कोटा प्रजामंडल का दूसरा अधिवेशन हुआ।

बूंदी प्रजामंडल 

  • 1931 में बुंदी प्रजामंडल की स्थापना हुई।

बूंदी प्रजामंडल की स्थापना में योगदान।

  • कांतिलाल जैन
  • ऋषि दत्त मेहता - 1939 में इन्हें देश निकाला दे दिया गया।
  • 1946 में रायबहादुर के नेतृत्व में लोकप्रिय सरकार का गठन हुआ।

शाहपुरा प्रजामंडल 

  • 1938 में शाहपुरा प्रजामंडल की स्थापना की गई।

शाहपुरा प्रजामंडल की स्थापना में योगदान।

  1. रमेश चंद्र ओझा 
  2. लादूराम व्यास
  3. अभयलाल डांगी (अध्यक्ष) 
  4. माणिक्य लाल वर्मा
  • यह प्रथम रियासत थी जहां पर उत्तरदायी शासन की स्थापना हुई।

किशनगढ़ प्रजामंडल

  • 1939 में किशनगढ़ प्रजामंडल की स्थापना हुई।
  • किशनगढ़ प्रजामंडल की स्थापना कांतिलाल चौघाणी ने की।

कुशलगढ़ प्रजामंडल - 1942

कुशलगढ़ प्रजामंडल की स्थापना मैं योगदान।

  • भँवरलाल निगम 
  • कन्हैया लाल सेठिया

बांसवाडा प्रजामंडल-1943

बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना में योगदान।

  1. भूपेंद्र नाथ त्रिवेदी 
  2. हरिदेव जोशी
  3. विनोद कोठारी (अध्यक्ष)
  4. धुलजी भाई

डुंगरपुर प्रजामंडल-1944

डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना में योगदान।

  • भोगीलाल पंड्या (अध्यक्ष)
  • हरिदेव जोशी 
  • गौरी शंकर उपाध्याय (उपनाम - भाईजी)
  • 30 मई 1947 में पुनावाड़ा कांड हुआ।
  • 19 जून 1947 में रास्तापाल कांड हुआ।

प्रतापगढ़ प्रजामंडल - 1945

प्रतापगढ़ प्रजामंडल की स्थापना में योगदान।

  • अमृतलाल पाठक 
  • चुन्नीलाल

झालावाड़ प्रजामंडल -1946

  • तत्कालीन शासक - हरीश चंद्र देव
  • यह एकमात्र ऐसा प्रजामंडल था जिसे रियासत का समर्थन प्राप्त था।
  • इस प्रजामंडल की स्थापना मांगीलाल भव्य ने की।

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