राजस्थान मे पशु सम्पदा
- राजस्थान मे प्रथम पशुगणना दिसंबर 1919 से अप्रैल-1920 तक करवाई गई।
- स्वतंत्र भारत मे प्रथम पशुगणना - 1951
- राजस्थान के एकीकरण के पश्चात प्रथम पशुगणना- 1961
- ग्राम स्तर पर प्रथम पशु गणना- 1971
- नस्ल आधारित पशुगणना- 2007 (18वी)
- पशुगणना का कार्य राजस्व मंडल अजमेर द्वारा पशुपालन विभाग के माध्यम से किया जाता है।
- पशुगणना प्रत्येक 5 वर्ष मे एक बार की जाती है।
- वर्तमान पशुगणना 2017 मे करवाई गई यह 20 वी पशुगणना है।
- 2017 की पशुगणना के अनुसार राजस्थान के आँकडे
- राजस्थान मे कुल पशु सम्पदा- 5.68 करोड
- 19 वी पशुगणना की तुलना मे वर्तमान पशुगणना मे 1.66% कमी दर्ज की गई है।
- पशु संपदा की दृष्टि से राजस्थान का उत्तर प्रदेश के बाद भारत में दूसरा स्थान है।
- बांसवाड़ा में कुक्कुट(मुर्गी) पालन को बढ़ावा देने के लिए कड़कनाथ योजना चलाई गई है।
- राजस्थान मे सर्वाधिक पशुधन - बकरी
पशु सम्पदा ➡️ संख्या ➡️ भारत मे स्थान
गौवंश ➡️ 1.39 करोड ➡️ छठा
भैस ➡️ 1.37 करोड ➡️ दुसरा
भेड ➡️ 0.79 करोड ➡️ चौथा
बकरी ➡️ 2.08 करोड ➡️ पहला
ऊँट ➡️ 2.13 लाख ➡️ पहला
- 20 वी पशु गणना के अन्तर्गत भैस की संख्या में सर्वाधिक 5.53% वृद्धि दर्ज की गई है।
- 20 वी पशु गणना के अतर्गत की ऊँट की संख्या में सर्वाधिक 34.69% कमी दर्ज की गई है।
पशु एवं नस्ले
गाय/गौवंश
- राजस्थान मे सर्वाधिक गौवंश - उदयपुर
- राजस्थान मे न्यूनतम गौवंश - धौलपुर
राठी नस्ल
- यह लालसिंधी साहिवाल की मिश्रित नस्ल है।
- इसे सर्वाधिक दूध देने वाली गौ नस्ल माना जाता है।
- इसे राजस्थान की कामधेनु कहा जाता है।
- यह गंगानगर व हनुमानगढ़ में पाई जाती है।
थारपारकर नस्ल
- मुल स्थान - सिंध प्रदेश (पाकिस्तान)
- यह पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश जैसलमेर बाड़मेर आदि चित्र में पाई जाती है।
- राजस्थान में सर्वाधिक गाय इसी नस्ल की पाई जाती है।
कांकरेज नस्ल
- मुल स्थान- काठियावाड़ (गुजरात)
- राजस्थान में जालौर पाली बाड़मेर सिरोही में पाई जाती है।
- अन्य नस्ले - सांचोरी, नागौर, हरियाणवी, मेवाती/कोठी नस्ल, मालवी, गिर
विदेशी गौ नस्ले
जर्सी- USA
हाॅलिस्टिन - हाॅलैण्ड
रेणडेन - डेनमार्क
भैस
- राजस्थान मे सर्वाधिक भैस - अलवर
- राजस्थान मे न्यूनतम भैस - जैसलमेर
मुर्रा/खुण्डी नस्ल
- यह राजस्थान में सर्वाधिक दूध देने वाली भैंस की नस्ल है।
- यह राजस्थान में सर्वाधिक पाई जाने वाली भैंस की नस्ल है।
- यह राजस्थान में जयपुर अलवर भरतपुर गंगानगर उदयपुर में पाई जाती है।
- अन्य नस्ले - सुरती, नागपुरी, जाफरावादी,भदावरी, रथ
भेड
- राजस्थान मे सर्वाधिक भेड - बडमेर
- राजस्थान मे न्यूनतम भेड - बांसवाडा
मालपुरी नस्ल
- यह मालपुरा (टोंक) में पाई जाती है।
- यह मोटी उन लिए प्रसिद्ध है।
मारवाडी नस्ल
- यह जोधपुर व आसपास के क्षेत्र में पाई जाती है।
- यह राजस्थान में सर्वाधिक पाई जाने वाली भेड़ की नस्ल है।
जैसलमेरी नस्ल
- यह जैसलमेर में पाई जाती है।
- यह सर्वाधिक ऊन देने वाली भेड़ की नस्ल है।
शेखावाटी नस्ल
- इसे चॉकला या छापर नस्ल भी कहते हैं।
- यहां शेखावटी क्षेत्र में पाई जाती है
- यह सर्वश्रेष्ठ ऊन देने हेतु प्रसिद्ध है।
- इसे भारत की मेरिनो कहा जाता है।
पुंगल नस्ल - बीकानेर
मगरा नस्ल
- यह बीकानेर में पाई जाती है।
- यह बीकानेर में सर्वश्रेष्ठ उन देने हेतु प्रसिद्ध है इसलिए इसे बीकानेर की चोकला कहा जाता है।
सोनाडी/चनोथर नस्ल
- यह दक्षिणी राजस्थान उदयपुर डूंगरपुर बांसवाड़ा में पाई जाती है।
- यह सबसे लंबे कान वाली भेड़ की नस्ल है।
खेरी नस्ल
- यह जोधपुर पाली व सिरोही क्षेत्र में पाई जाती है।
नाली नस्ल
- यह गंगानगर एवं हनुमानगढ़ में पाई जाती है।
बकरी
- बकरी को गरीब की गाय कहा जाता है।
- राजस्थान मे सर्वाधिक बकरी - बाडमेर
- राजस्थान मे न्यूनतम बकरी- धौलपुर
- नागौर के वरुण गांव की बकरियां विश्व प्रसिद्ध है।
मारवाडी/लोही नस्ल
- यह जोधपुर व आसपास के क्षेत्र में पाई जाती है।
- यह सर्वश्रेष्ठ मांस के लिए प्रसिद्ध है।
बरबरी नस्ल
- यह पूर्वी राजस्थान में पाई जाती है।
- इसे राजस्थान की सबसे सुंदर नस्ल माना जाता है।
जमनापरी नस्ल
- यह राजस्थान में दक्षिण पूर्वी जिलों में पाई जाती है।
- अन्य नस्ले - सिरोही, शेखावाटी, जखराना/अलवरी, परबतसरी
ऊँट
- 30 जुन 2014 को इसे राज्य पशु का दर्जा दिया गया।
- राजस्थान मे सर्वाधिक ऊँट - जैसलमेर
- राजस्थान मे न्यूनतम ऊँट - प्रतापगढ़
गोमठ नस्ल - फलौदी (जोधपुर)
नाचना नस्ल - जैसलमेर
जैसलमेरी नस्ल- जैसलमेर
अश्व (घोडे)
- राजस्थान मे सर्वाधिक घोडे - बीकानेर
- राजस्थान मे न्यूनतम घोडे - डूंगरपुर
- प्रमुख नस्ले - मालाणी, मारवाड़ी, काठियावाड़ी
कुक्कुट (मुर्गियाँ)
- राजस्थान मे सर्वाधिक मुर्गियाँ - अजमेर
- राजस्थान मे न्यूनतम मुर्गियाँ - जालौर
- राजस्थान मे मुर्गियों की सर्वाधिक विदेशी नस्ल - अजमेर
- राजस्थान मे मुर्गियों की सर्वाधिक देशी नस्ल - बांसवाडा
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