वायुमंडल (Atmosphere)
- किसी भी ग्रह के चारों और पाये जाने वाला गेसों एवं धूलकणो के घेरे को वायुमंडल कहा जाता है।
वायुमंडल के कार्य
- वायुमंडल मे विभिन्न गैसे पाई जाती है जो जीवन के लिए आवश्यक है।
- वायुमंडल में जलवाष्प पाया जाता है जो वर्षा के लिए उपयोगी है।
- वायुमंडल में हरित गैसे पाई जाती है जो पृथ्वी का औसत तापमान बनाए रखने में सहायक होती है।
- वायुमंडल उल्का पिंडों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकता है।
- वायुमंडल पराबैंगनी किरणों (Universal Radiation) को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकता है।
- वायुमंडल रेडियो तरंगों को परिवर्तित करता है जिससे ही दूरसंचार संभव है।
वायुमंडल के संघटन
नाइट्रोजन(N2) -78%
- पृथ्वी के वायुमंडल में सर्वाधिक मात्रा नाइट्रोजन की है।
- राइजोबियम जीवाणु नाइट्रोजन को मिट्टी में संलग्न करता है, इससे पेड-पौधे राइजोबियम प्रोटीन का निर्माण करते है।
- यह आग को तेजी से फैलने से रोकती है।
- यह रंगहीन, गंधहीन व स्वादहीन गैस है।
- रंगमंच पर कृत्रिम धुए का निर्माण करने के लिए भी नाइट्रोजन का प्रयोग किया जाता है।
ऑक्सीजन (O2) -21%
- यह जीवनदायिनी गैस है।
- यह आग जलाने मे सहायक होती है।
- यह वस्तुओं को सडने मे सहायता करती है।
- नाइट्रोजन व ऑक्सीजन वायुमंडल के स्थायी तत्व है इनकी मात्रा में वृद्धि एवं कमी नही होती है।
ऑर्गन - 0.93%
- यह वायुमंडल में सर्वाधिक मात्रा मे पाई जाने वाली अक्रिय गैस है।
- इसका उपयोग ट्युबलाइट व विद्युत बल्ब मे किया जाता है।
कार्बन डाई ऑक्साइड- 0.03%
- इसकी सहायता से पेड़ पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते है।
- यह आग बुझाने मे सहायक होती है।
- यह हरित ग्रह प्रभाव के लिए उत्तरदायी है।
अन्य गैसे व जलवाष्प - 0.04%
हाइड्रोजन
- यह सबसे हल्की गैस है।
- यह ब्रह्माण्ड में सर्वाधिक मात्रा मे पाई जाने वाली गैस है।
हीलियम
- यह दुसरी सबसे हल्की गैस है किंतु अक्रिय गैसो मे यह सबसे हल्की गैस है।
- यह ब्रह्माण्ड में दुसरी सर्वाधिक मात्रा मे पाई जाने वाली गैस है।
- इसे हवाई जहाज के टायरो में भरा जाता है।
ओजोन गैस
- यह समताप मंडल मे पाई जाती है।
- यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती है।
मीथैन
- इसे मार्स गैस एवं बायोगैस भी कहा जाता है।
रेडाॅन
- यह सबसे भारी गैस होती है।
- यह सामान्यतः मिट्टी में पाई जाती है।
- वायुमंडल में इस गैस का बढना भूकम्प का संकेत होता है ।
जलवाष्प
- यह वायुमंडल का सबसे अस्थिर घटक है।
क्योटो प्रोटोकोल - 1997 जापान मे ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने हेतु इसका आयोजन हुआ।
वायुमंडल की संरचना
वायुमंडल कुल पांच परतो मे विभाजित है।मार्शल एवं निकोलस ने वायुमंडल को दो भागों में वर्गीकृत किया है।
1) सम मंडल - पृथ्वी से 90Km ऊचाई तक।
सम मंडल में वायुमंडल की निम्न परतो को शामिल किया जाता है।
1) क्षोभ मंडल (Troposphere)
- इसकी औसत ऊचाई 13 किलोमीटर है।
- सर्वाधिक गैसों का मिश्रण इसी मंडल में पाया जाता है।
- सभी मौसमी क्रियाएं (जैसे - बादल का बनना) इसी मंडल में होता है, इसलिए यह वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण परत है।
2) समताप मंडल (Stratosphere)
- यह लगभग 50 किमी तक की ऊचाई तक फैला है।
- इसमें ओजोन गैस पाई जाती है इसलिए यहां पर तापमान घटने के स्थान पर बढ़ता है।
- मोन्ट्रियल प्रोटोकोल - 16 सितम्बर 1987 मे ओजोन परत संरक्षण हेतु कनाडा मे आयोजित हुआ।
- हवाई जहाज के उड़ने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ वातावरण है।
3) मध्य मंडल (Mesosphere)
- यह 80-90 किमी तक फैला हुआ है।
- यह वायुमंडल की सबसे ठंडी परत है उल्का पिंड की घटना इसी परत में होती है।
2) विषम मंडल - 90 से 10000Km ऊचाई तक
विषम मंडल वायुमंडल की निम्न परतो को शामिल किया जाता है।
1) आयनमंडल (ionosphere)
- यह 80/90- 400 किमी तक फैला है।
- रेडियो तरंगों को परिवर्तित करता है जिससे दूरसंचार संभव हो पाता है।
2) बर्हीमंडल (Exosphere)
- इस मंडल में कृत्रिम उपग्रह विचरण करते हैं।
- सबसे हल्की गैसे हाइड्रोजन व हिलियम यहाँ पर सर्वाधिक होती है।
- यह सबसे पतली परत है।
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