". मुगल साम्राज्य ~ Rajasthan Preparation

मुगल साम्राज्य


मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) (1526-1707)

बाबर (Babar),1526-1530

  • इसने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की
  • जन्म - 14 मार्च 1483
  • पिता - मिर्जा उमर शेख
  • माता - कुलिक निगारखानुम
  • 1494 यह फरगना का शासक बना।
  • 1504 मे इसने काबुल पर विजय प्राप्त की।
  • 1507 में इसने मिर्जा की उपाधि का त्याग करके बादशाह की उपाधि धारण की, बादशाह की उपाधि धारण करने वाला यह पहला शासक था।
  • दौलत खाँ लोदी ने बाबर को इब्राहीम लोदी पर आक्रमण हेतु आमंत्रित किया।
  • भारत पर इसने 1519 में पहला आक्रमण भैरा व बाजौर पर  किया, भेरा आक्रमण के दौरान सर्वप्रथम तोप का प्रयोग किया गया था।
  • तुलुग्मा पद्धति - इस पद्धति के अंतर्गत शत्रु पर सामने एवं पीछे दोनों दिशाओं से आक्रमण किया जाता था भारत मे बाबर ने सर्वप्रथम इस पद्धति का प्रयोग किया।
  • उस्मानी विधि - बाबर की सेना द्वारा तोप सजाने की विधि को उस्मानी विधि कहा जाता है, इसके पास उस्ताद अली एवं मुस्तफा नाम के दो तोपची थे।

पानीपत (हरियाणा) का प्रथम युद्ध -21 अप्रैल 1526

  • इस युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी को मार दिया व इसी के साथ भारत में मुगल वंश की स्थापना हुई।
  • इस युद्ध में बाबर ने तुलुग्मा उस्मानी युद्ध पद्धति का प्रयोग किया था।

खानवा का युद्ध- 17 मार्च 1527

  • बाबर व राणा सांगा के मध्य यह युद्ध खानवा का मैदान जो की भरतपुर की रूपवास तहसील में स्थित है लड़ा गया। इसमें राणा सांगा की पराजय हुई।
  • इस जीत के बाद बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की।

चंदेरी का युद्ध- 1528

  • यह युद्ध 28 जनवरी 1528 को बाबर वह मेदिनीराय के मध्य लड़ा गया जिसमें बाबर विजई रहा।
  • चंदेरी मध्य प्रदेश में स्थित है।

घाघरा का युद्ध - 1529

  • यह युद्ध 6 मई 1529 को घाघरा नदी के किनारे बाबर व नुसरत शाह के मध्य लड़ा गया इसमें भी बाबर विजई रहा।
  • इसको जल व थल का युद्ध भी कहा जाता है।
  • बाबर एकमात्र ऐसा शासक था जिसे 2 बार दफनाया गया था पहली बार इसे आगरा में दफनाया गया किंतु 2 साल बाद इसे इसकी अंतिम इच्छा के अनुसार काबुल में दफनाया गया।
  • बाबरनामा यह बाबर की आत्मकथा है इसे तुजुक ए बाबरी भी कहा जाता है, यह तुर्की भाषा मे है, इसमें बाबर ने उल्लेख किया है कि उस समय भारत में सिर्फ दो हिंदूवादी राष्ट्र थे। मेवाड़ एवं विजयनगर, इसे अकबर के शाहनकाल मे अबदुर्रहीम खानेखाना ने फारसी मे अनुवाद किया।
  • खत ए बाबरी एवं बेहजाद बाबर के अन्य ग्रंथ थे बेजहाद को पूर्व का राफेल कहा जाता है।
  • इसने मुबईयान शैली को जन्म दिया।
  • यह दिवान नाम से कविताएँ लिखता था।
  • बाबर ने पानीपत मे काबुलबाग मज्जिद एवं रोहिलखंड के संबल मे जामा मस्जिद का निर्माण करवाया।
  • इसके चार पुत्र थे।
  • 1) हुमायूँ 
  • 2) कामरान
  • 3) हिन्दाल
  • 4) अस्करी

हुमायूँ (Humayun), 1530-1556

  • 1534-35 में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह जफर ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया चित्तौड़ की महारानी कर्मावती ने हुमायूँ को राखी भेजी लेकिन हुमायू नहीं पहुंच पाया अंत में बहादुर शाह ने दुर्ग पर अधिकार कर लिया कर्मावती ने जोहर कर लिया चित्तौड़ का दूसरा साका माना जाता है।
  • 1535 में मंदसौर के युद्ध में हुमायूँ ने बहादुर शाह जफर को पराजित किया एवं गुजरात पर अधिकार किया, हुमायूँ प्रथम ऐसा मुगल शासक था जिसने गुजरात पर विजय प्राप्त की थी किन्तु बहादुर शाह जफर ने पुर्तगालियों के साथ मिलकर गुजरात पर पुनः अधिकार कर लिया।

देबरा का युद्ध (1531)

यह युद्ध हुमायूँ एवं शेरशाह सुरी के मध्य हुआ जिसमे हुमायूँ विजयी रहा था।

चौसा का युद्ध (1539)

  • हुमायूं व शेरखाँ या शेरशाह सूरी के मध्य चौसा (बिहार) में युद्ध हुआ जिसमें हुमायू पराजित हुआ वह अपनी जान बचाने के लिए कर्मनाशा(गंगा नदी) में कूद गया जहां निजाम सक्का नामक व्यक्ति ने उसकी जान बचाई।
  • निजाम सक्का के इस उपकार के बदले हुमायूं ने इसे 1555 मे एक दिन का बादशाह बना दिया निजाम सिक्का ने चमड़े के सिक्के जारी किए इसलिए इसे मुगल काल में चमड़े के सिक्के जारी करने वाला पहला शासक कहा जाता है।

कन्नौज (बिलग्राम)का युद्ध - 1540

  • इस युद्ध में शेरशाह सूरी ने हुमायूं को अंतिम रूप से पराजित कर बादशाह बना व दिल्ली पर दूसरी बार अफगान शासन स्थापित किया।, इसके बाद हुमायूं में लगभग 15 वर्षों तक निर्वासित जीवन जिया।
  • 1540-55 के बीच का काव हुमायूँ के निर्वासन काल कहा जाता है।
  • निर्वासन काल के दौरान इसने आध्यात्मिक गुरु मीर बाबा दोस्त की पुत्री हमीदा बानो बेगम से विवाह किया और 15 अक्टूबर 1542 मे अमरकोट के शासक वीरसाल के यहा अकबर का जन्म हुआ।
  • 1533 मे हुमायूं ने दिल्ली में दीनपनाह नामक नगर की स्थापना की।
  • 1545 मे शेरशाह सुरी की मृत्यु हो गई और इसका मकबरा सासाराम बिहार में बना हुआ है।
  • गुलबदन बेगम द्वारा रचित हुमायूंनामा ग्रंथ में हुमायूँ के जीवन की जानकारी प्राप्त होती है, यह हुमायूँ की बहन थी।
  • बायजीद ने तारीख ए हुमायूँ ग्रंथ की रचना की।
  • मलिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत ग्रंथ की रचना शेरशाह सूरी के शासनकाल में की।

सरहिंद का युद्ध 

22 जुलाई 1555 को हुमायूँ बेहराम खाँ की मदद से सिकन्दर शाह सुरी एवं आदिल शाह सुरी को हराकर पुनः बादशाह बना।

  • 27 जनवरी 1556 को शेरमंडल पुस्तकालय की सीढीयो से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई।
  • ली पुल ने हुमायूं के संबंध में कहा कि हुमायूं जीवन भर लड़खड़ाता रहा एवं लड़खड़ाते हुए ही उसकी मृत्यु हो गई।
  • हुमायु के मकबरे का निर्माण दिल्ली में हाजी बेगा बेगम द्वारा करवाया गया, इसमें सबसे पहले चारबाग पद्धति का प्रयोग किया गया।
शेरशाह सूरी 

अब्बास खान सरवानी के तारीख ए शेरशाही ग्रंथ में शेरशाह के बारे में जानकारी मिलती है।
इसने किला ए कुहाना की स्थापना की।
इसने सडक ए आजम की स्थापना की।
1545 मे कांलिजर की जीत का दौरान शेरशाह सुरी की मृत्यु हो गई और इसका मकबरा सासाराम बिहार में बना हुआ है।

अकबर (Akbar), 1556-1605

  • पुरा नाम - मोहम्मद जलालुद्दीन अकबर
  • जन्म - 15 अक्टूबर 1542
  • पिता - हुमायूँ 
  • माता - हमीदा बानो बेगम (मरियम मकानी)
  • अकबर का संरक्षक - बहराम खान
  • धाय माँ - महा मंगा
  • कलानौर (पंजाब) में 14 फरवरी 1556 को बहराम खान द्वारा अकबर का राज्याभिषेक किया गया।

पानीपत का द्वितीय युद्ध - 05 नवम्बर 1556

  • यह युद्ध अकबर व हेमू के मध्य हुआ जिसमे अकबर विजयी रहा।
  • हेमु आदिलशाह सुरी का वज़ीर था हुमायूं की मृत्यु के बाद सूबेदार तार्दीबेग को हराकर स्वयं को दिल्ली का बादशाह घोषित कर दिया था दिल्ली सल्तनत का एकमात्र हिंदू बादशाह हेमु को कहा जाता है।
  • 1560 मे पाटन(गुजरात) मे मुबारक खाँ नामक अफगान ने मक्का जाने वक्त पाटन मे बहराम खान की हत्या कर दी बेहराम खाँ की बेगम सलीमा से अकबर ने विवाह कर लिया।
  • 1560-62 के काल मे महा मंगा के अकबर पर प्रभाव के कारण इसे हरम या पेटीकोट शासन कहा जाता है।
  • 1561 मे बाज बहादूर को हराकर मालवा पर अधिकार करता है।
  • 1562 मे आमेर के कछवाहा वंश के शासक भारमल ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर अपनी पुत्री हरखा बाई का विवाह अकबर से कर लिया।
  • यह राजस्थान का प्रथम राजपुत वंश था जिसने मुगलों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए।
  • 1562 मे दास प्रथा को समाप्त कर दिया।
  • 1563 मे तीर्थयात्रा कर समाप्त कर दिया।
  • 1564 मे जजिया कर समाप्त कर दिया।
  • यह पहला ऐसा शासक था जिसने हज यात्रा राज्य के खर्च पर शुरू की।
  • इसने विवाह हेतु पुरूष की आयु 16 एवं महिला की 14 वर्ष तय किया।
  • इन्होने अपनी राजधानी लाहोर एवं बाद मे आगरा स्थानांतरित की।
  • लाहौर मे लाहौर दुर्ग एवं आगरा मे आगरा दुर्ग का नर्माण करवाया।

चित्तौड़ युद्ध 

  • 1567-68 में अकबर ने चित्तौड़ के किले पर आक्रमण किया राणा उदय सिंह जी दुर्ग का भार जयमल फत्ता को सौपकर जंगलों में चले गए इस युद्ध में अकबर की विजय हुई
  • अकबर ने दुर्ग में मौजूद 30000 लोगों को मारने का आदेश दे दिया इस घटना को अकबर के जीवन पर कलंक माना जाता है।
  • इस युद्ध मे अकबर जयमल व फत्ता की वीरता से इतना प्रभावित हुआ कि उसने आगरा के किले के मुख्य द्वार पर जयमल व फत्ता की गजारूढ प्रतिमा स्थापित करवाई।

हल्दीघाटी का युद्ध

  • 21 जुन 1576 को हल्दीघाटी का युद्ध अकबर के सेनापति मानसिंह व महाराणा प्रताप के मध्य हुआ इस युद्ध में अकबर विजयी रहा।
  • कर्नल जेम्स टॉड ने इस युद्ध को मेवाड़ का थर्मोपोली कहां है।
  • 1569 मे रणथंभौर एवं बुंदेलखंड को मुगल सल्तनत मे मिला लिया।
  • 1570 में अकबर ने समस्त राजपूत राजाओं को अपने अधीन लाने के लिए नागौर दरबार लगाया।
  • 1571 में अकबर ने फतेहपुर सिकरी शहर की स्थापना की एवं गुजरात विजय के उपलक्ष में यहां पर बुलंद दरवाजे का निर्माण करवाया।
  • 1573 मे मुजफ्फर शाह को हराकर गुजरात जीत लिया।
  • 1575 मे इसमें मनसबदारी व्यवस्था का प्रारंभ किया व फतेहपुर सीकरी में इबादत खाने का निर्माण करवाया, 1578 मे इसने इबादत खाना सभी धर्मों हेतु खोल दिया।
  • 1577 में इसने सिख गुरु रामदास जी को 500 बीघा जमीन दान में प्रदान की।
  • 1581 मे मिर्जा हाकिम को हराकर काबुल को मिला लिया।
  • 1582 में इसने एक नवीन धर्म दीन-ए-इलाही की शुरुआत की सर्वप्रथम महेश दास (बीरबल) ने इस धर्म को स्वीकार किया।
  • 1583 मे इन्होने इलाही कलैण्डर की शुरुआत की।
  • 1585 में मानसिंह ने काबुल पर विजय प्राप्त की इसलिए अकबर ने काबुल मानसिंह को जागीर के रूप में प्रदान किया।
  • 1585 मे कश्मीर जीता।
  • 1592 मे सिंध जीता।
  • 1599 मे चाँद बीवी को हराकर अहमदनगर जीता।
  • 1601 असीरगढ़ अभियान के दौरान अकबर को बहुत धन प्राप्त हुआ ऐसा माना जाता है कि अकबर ने असीरगढ़ दुर्ग का ताला भी सोने की चाबी से खोला था।
  • 25 अक्टूबर 1605 ई पेचीस रोग के कारण अकबर की मृत्यु हो गई।
  • सिकंदरा (आगरा) में अकबर द्वारा अकबर के मकबरे का निर्माण स्वयं शुरू करवाया किंतु बाद मे जहांगीर ने इसे पूर्ण करवाया।
  • इसने दिवाने आम एवं दिवाने खास का निर्माण किया।
  • इसने तुलादान व्यवस्था शुरू की।
  • इसने आगरा किले का निर्माण करवाया।
  • फतहपुर सिकरी मे जोधाबाई महल का निर्माण करवाया।
  • इलाहाबाद किले का निर्माण करवाया।
  • इसने आमेर के किले मे शीशमहल का निर्माण करवाया।
अकबर के नवरत्न 

महेश दास (बीरबल)
राजा टोडरमल - यह वित्त विभाग संभालते थे।
अबदुर्रहीम खानेखाना - बाबरनामा को फारसी मे अनुवाद किया जिसे तुजुक ए बाबरी कहा जाता है।
अबुल फजल - जहांगीर के आदेश पर वीर सिंह बुंदेला द्वारा इन्हें मार दिया जाता है।
फैजी - इन्होने महाभारत का फारसी मे अनुवाद किया।
रामथनु पांडे (तानसेन)
मानसिंह 
मुल्ला दो प्याजा
फकीर अजीउद्दीन

अकबर के काल मे रचित ग्रंथ 

अकबरनामा, आईने अकबरी - अबुल फजल 
मुंतखाब उल तवारिख - अब्दुल कादिर बदायूंनी 
तब्कात ए अकबरी - निजामुद्दीन अहमद

जहांगीर (Jahangir), 1605-27

  • जन्म - 30-08-1569
  • बचपन का नाम- सलीम
  • पिता - अकबर 
  • माता - हरखा बाई (मरियम उज्जमानी)
  • आत्मकथा - तुजुक ए जहाँगीरी - इसको मोतमिद खाँ द्वारा पूर्ण किया गया।
  • 03 नवम्बर 1605 को आगरा के किले मे इसका राज्याभिषेक हुआ।
  • 1585 मे मानबाई से विवाह हुआ।
  • 1587 मे जगत गौसाई से विवाह हुआ।
  • अप्रैल 1606 में इसके पुत्र खुसरो ने पांचवे सिख गुरु अर्जुन देव का आशीर्वाद लेकर इसका विद्रोह कर दिया जहांगीर ने इसे बंदी बनाकर अंधा कर दिया।
  • जहांगीर ने 30 मई 1606 में अर्जुन देव पर राजद्रोह का आरोप लगाकर उन्हें मृत्यु दंड दे दिया।
  • इकबाल नामा ए जहांगीरी की रचना मोतमिद खाँ ने की।

नूरजहाँ 

  • मूल नाम- मेहरूनिसा
  • 1611 मे इनका विवाह जहांगीर से हुआ।
  • पिता- मिर्जा गयास बेग - इन्हें शाहजहाँ ने एतमादुद्दौला कि उपाधि प्रदान की।
  • माता - असमत बेगम - सर्वप्रथम गुलाब से इत्र बनाने का श्रेय इन्हें दिया जाता है।
  • एतमादुद्दौला के मकबरे का निर्माण आगरा में नूरजहां द्वारा करवाया गया मुगल काल की यह एकमात्र इमारत है जिसमें पित्रा ड्यूरा कला का प्रयोग किया गया है।
  • जहांगीर के मकबरे का निर्माण नूरजहां द्वारा लाहौर में सहादरा नामक स्थान पर रावी नदी के किनारे करवाया गया।
  • नूरजहां का मकबरा भी लाहौर में बना हुआ है।
  • तुजुक ए जहांगीरी जहांगीर की आत्मकथा है।
  • कैप्टन हॉकिंस भारत आने वाला पहला अंग्रेज था यह 1608 जहांगीर से मिला व भारत में सुरत (गुजरात) मे पहली बार अंग्रेजी कोठी की स्थापना की।
  • सर टोमस रो स्मिथ 1616 में भारत आया व मैग्जीन के दुर्ग में जहांगीर से मिला।
  • जहांगीर पहला ऐसा मुगल शासक था जिसने सिक्कों पर अपनी तस्वीर उत्कीर्ण करवाई।
  • जहांगीर ने सामान्य लोगों की फरियाद सुनने हेतु न्याय की जंजीर लगवाई।
  • जहांगीर के कार्यकाल को मुगल चित्रकला का स्वर्णिम काल कहा जाता है।

शाहजहाँ (Shahjahan) (1627-1658)

ताजमहल

  • ताजमहल का निर्माण 1631-53 के मध्य किया गया।
  • मुख्य वास्तुकार- अहमद लाहौर
  • मुख्य मिस्त्री - उस्ताद ईशा खाँ
  • यह पूर्णरूपेण शुद्ध संगमरमर से निर्मित इमारत है
  • सर्वाधिक पित्रा ड्युरा कला का प्रयोग ताजमहल में किया गया है।
  • शाहजहां ने मयूर सिंहासन का निर्माण करवाया इसका वास्तुकार वे बादल खान था 1739 में ईरानी आक्रांता नादिरशाह इसे अपने साथ ईरान ले गया।
  • फिरोजशाह तुगलक द्वारा निर्मित नहर ए साहिब की मरम्मत करवाकर इसका नाम नहर ए शाह करवा दिया।
  • शाहजहां ने दिल्ली में लाल किले का निर्माण करवाया।
  • गोलकुंडा आक्रमण के बाद यहां के वजीर मीर झुमला ने शाहजहां को कोहिनूर हीरा भेट किया था।
  • शाहजहां नामा की रचना इनायत खाँ ने की।

उत्तराधिकार संघर्ष 

बहादुरगढ़ का युद्ध 14 फरवरी 1658

  • यह युद्ध शाहशुजा व दाराशिकोह के मध्य लड़ा गया इसमें शाहशुजा पराजित हुआ।

धरमत का युद्ध 15 अप्रैल 1658

  • इस युद्ध मे औरंगजेब व मुराद की संयुक्त सेना ने जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह के नेतृत्व में युद्ध कर रही शाही सेना को पराजित किया।

समुगढ़ का युद्ध 29 मई 1658

  • इस युद्ध मे औरंगजेब व मुराद की संयुक्त सेना ने शाही सेना को पराजित कर आगरा पर अधिकार कर लिया एवं शाहजहां को बंदी बना लिया।
  • शाहजहां को बंदी बनाकर मुसम्मन बुर्ज में रखा गया।

औरंगजेब (Aurangzeb),1658-1707

उपनाम - जिंदा पीर, शाही दर्वेश, आलमगीर
इसने 1659 मे लाल किले मे दुसरी बार राज्यअभिषेक करवाया 
1669 मे इसने झरोखा दर्शन पर प्रतिबंध लगा लिया।
1669 मे इसने संगीत पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया। 
इसने पुनः जज़िया कर लगाया।
1670 मे इसने तुलादान व्यवस्था को बंद कर दिया।
इसने नवरोज त्यौहार पर प्रतिबंध लगा लिया।
1679 मे इसने पुनः जजिया कर लगाया।
मोहम्मद काजिम द्वारा अलमगीरनामा की रचना कि गई।
यह नक्शबंदी सिलसिले का समर्थक था।
इसने दिल्ली मे मोती मज्जिद का निर्माण करवाया।
इसने बीबी के मकबरे का निर्माण करवाया, इसे काला ताजमहल भी कहा जाता है।
इसका मकबरा औरंगाबाद मे स्थित है।

देवराई या दौराई का युद्ध अप्रैल - 1659

  • दोराई अजमेर राजस्थान में स्थित है।
  • इस युद्ध में औरंगजेब ने दाराशिकोह को अंतिम रूप से पराजित किया।

No comments:

Post a Comment

Comment us