". राजस्थान के खनिज ~ Rajasthan Preparation

राजस्थान के खनिज


राजस्थान के खनिज (Minerals of rajasthan)

  • राजस्थान को खनिजों का अजायबघर (A museum of minnerals) कहा जाता है।
  • आर्थिक समीक्षा 2020-21 के अनुसार राजस्थान में कुल 81 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं इनमें से 57 प्रकार के खनिजों का दोहन किया जाता है।
  • देश के कुल उत्पादन का 22% खनिजों का उत्पादन राजस्थान में होता है। खनिजो के उत्पादन की दृष्टि से झारखंड व मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान का देश में तीसरा स्थान है जबकि भंडारण की दृष्टि से राजस्थान का देश में झारखंड के बाद दूसरा स्थान है।
  • राजस्थान की प्रथम खनिज नीति जुन 1978 मे लागू हुई।
  • राजस्थान मे वर्तमान खनिज नीति- खनिज नीति 2015
  • राजस्थान मे खनिज निदेशालय- उदयपुर 
  • राजस्थान की GDP मे खनिजो का योगदान- 5%
  • वर्तमान में राजस्थान जास्पर व वोलेस्टोनाइट का एकमात्र उत्पादक है।
Rajasthan preparation


राजस्थान के प्रमुख खनिज (Major minerals of rajasthan)

राजस्थान मे खनिजो के प्रकार 

1) धात्विक खनिज (Metallic minerals) - तांबा, लौहा, सीसा- जस्ता व मैंगनीज

लौह धात्विक खनिज

लौह धात्विक खनिज (लौहा+मैगनीज) उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का भारत मे चौथा स्थान है।

लौह अयस्क (Iron ore)

  • राजस्थान मे लौह अयस्क धारवाड क्रम की चट्टानों (अरावली पर्वतीय प्रदेश) मे पाया जाता है।
  • लौह अयस्क भण्डार कि दृष्टि से राजस्थान का देश मे तीसरा स्थान है।
लौह अयस्क 
  • मेग्नेटाइट - सर्वश्रेष्ठ लौह अयस्क 
  • हेमेटाइट - राजस्थान में हेमेटाइट प्रकार का लौह अयस्क का सर्वाधिक भंडारण पाया जाता है।
  • लिमोनाइट 
  • सिडेराइट - निम्न कोटि का लौह अयस्क 
लौह अयस्क उत्पादन क्षेत्र
  • जयपुर -मोरिजा बानोला - यह राजस्थान का सर्वाधिक लौह अयस्क उत्पादन क्षेत्र है।
  • झुंझनूं- डाबला सिंघाना
  • दौसा - निमला, राईसेना
  • सीकर - नीम का थाना 
  • उदयपुर- नाथरा कि पाल, थूर हुंडेर
  • बांसवाडा- कमलपुरा, लाम्पा
  • डूंगरपुर- लोहारिया, खामरिया
  • झालावाड़- डग पादरपाल
  • बुंदी- इंदरगढ

मैग्नीज (Manganese)

  • उपनाम- जैक आफ ऑल ट्रेड्स
  • राजस्थान मे सर्वाधिक भंडारन व उत्पादन बांसवाडा मे होता है।
मेग्नीज़ उत्पादन क्षेत्र 
  • बाँसवाडा - कालाखुंट,लिलवानी, तलवाडा, घाटिया
  • राजसमन्द- नगेडिया
  • उदयपुर- छोटी सार, बड़ी सार, सरूपपूर, रामोसन
टंगस्टन

इसका गलनांक उच्च होता है (1350°c)
टंगस्टन उत्पादन मे राजस्थान का भारत मे प्रथम स्थान है।

उत्पादन क्षेत्र

नागौर - डेगाना

राजस्थान टंगस्टन विकास निगम लिमिटेड की स्थापना - जयपुर (1983)

अलौह धात्विक खनिज 

अलौह धात्विक खनिज उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का भारत मे प्रथम स्थान है।

तांबा

  • यह मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयोग मे लाई गई धातु है।
  • इसके भण्डार की दृष्टि से राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है।
  • राजस्थान में 9 नवम्बर 1967 मे तांबा संयंत्र खेतड़ी झुंझुनू में स्थित है जिसे हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड कहा जाता है।
  • राजस्थान में तांम्र जिला झुंझनूं  को कहा जाता है लेकिन ताम्र नगरी उदयपुर को कहा जाता है।
  • तांबे के उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का भारत मे प्रथम स्थान है।
  • तांबे के भंडारण की दृष्टि से राजस्थान का मध्यप्रदेश के बाद दुसरा स्थान है।
तांबा उत्पादन क्षेत्र
  • झुंझनूं- खेतडी, चांदमोरी, बबाई, मंधान, अखवाला
  • अलवर- खो- दरीबा, थानागाजी
  • उदयपुर- अंजनी क्षेत्र (सलुम्बर) , कालीपाल, इसरावल
  • राजसमन्द- रेल मगरा क्षेत्र
  • चुरू - बीदासर
  • सिरोही - बसंतगढ
  • सीकर- बन्नो कि ढाणी, नाथा का नांगल, मीरा का नांगल

सीसा व जस्ता

  • इसे जुडवा खनिज कहा जाता है।
  • सीसा, जस्ता व चांदी के मिश्रित अयस्क को गैलेना कहा जाता है।
  • भारत में सीसा व जस्ता के उत्पादन में राजस्थान को एकाधिकार प्राप्त है राजस्थान भारत का एकमात्र राज्य है जहां सीसे व जस्ते का उत्पादन होता है।
  • देबारी उदयपुर मे एशिया की सबसे बडी सीसे जस्ते की खान है।
राजस्थान मे हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के संयंत्र 

1) देबारी (उदयपुर) - 10 जनवरी 1966, अमेरिका के सहयोग से।
2) चंदेरिया (चित्तौड़गढ़) - 1982, ब्रिटेन के सहयोग से 
3) राजपुरा दरिबा (राजसमन्द) - 2004

सीसा व जस्ता उत्पादन क्षेत्र

  • उदयपुर- जावर, माचिया मगरा
  • राजसमन्द- राजपुरा दरीबा - सर्वाधिक उत्पादन 
  • भीलवाड़ा- रामपुरा अगुचा- यहां पर एशिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ जस्ते का उत्पादन होता है।
  • सवाई माधोपुर- चोथ का बरवाडा - सर्वाधिक भंडारण
  • अजमेर- क्यार गुढा, सावर
  • डूंगरपुर - मांडो कि पाल
  • बांसवाडा- बरडालिया

जस्ता संयंत्र

  • हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड - देबारी (उदयपुर)
  • सुपर स्मेल्टर जिंक संयंत्र- चंदेरिया (चित्तौड़गढ़) - यहां एशिया का सबसे बड़ा जस्ता संयंत्र है।
  • भीलवाड़ा जिंक संयंत्र- भीलवाड़ा

चांदी 

  • अयस्क - गैलेना
  • इसका सर्वाधिक उत्पादन उदयपुर में स्थित जावर की खान से किया जाता है, 1384 मे राणा लाखा के समय इसकी खोज हुई।
  • यह विद्युत की सर्वश्रेष्ठ सुचालक धातु है।
  • राजपुरा दरीबा से भी चांदी का उत्पादन किया जाता है।

सोना

  • यह एकमात्र धातु है जो शुद्ध अवस्था में प्राप्त होती है।
  • सोना धातु में सर्वाधिक तन्यता का गुण पाया जाता है।

सोने के भंडार क्षेत्र

  • बांसवाडा- तिमास माता, आनंदपुर भुकिया, जगतपुरा भुकिया
  • उदयपुर- राजपुर खेडा 
  • अलवर - खेडा मुण्डियावास
  • डुंगरपुर- पादरा की पाल

अभ्रक उत्पादन क्षेत्र

  • भीलवाड़ा - दाताभुणास, जहाजपुर
  • उदयपुर - चंपागुड़ा
  • अजमेर - ब्यावर, भिनाय

एल्युमिनियम

अयस्क- बाॅकसाइट 
राजस्थान का एकमात्र धात्विक अयस्क जो अरावली से नहीं निकलता है।
एलुमिनियम के भंडार बाह्य आग्नेय चट्टान (बेसाल्ट चट्टानो) या हाडौती के पठार में पाए जाते हैं।

आण्विक खनिज 

बेरेलियम

  • यह एक पारदर्शी खनिज है एवं इसका उपयोग परमाणु संयंत्रों में मंदक के रूप में किया जाता है।

बेरेलियम उत्पादन क्षेत्र 

  • उदयपुर- शिकारबाड़ी
  • जयपुर - गुर्जरवास
  • अजमेर - बांदरसिंदरी
  • टोंक- शिवराती
  • डुंगरपुर - सागवाडा

यूरेनियम

यूरेनियम उत्पादन क्षेत्र

मेटल ऑफ गुड होफ 

अयस्क- पिच ब्लेड

  • उदयपुर - उमरा क्षेत्र 
  • सीकर- खंडेला की पहाड़ियां

थोरियम

   मोनोजाइट

इसका भारत मे सर्वाधिक भण्डारण- मालाबार तट (केरल)

उत्पादन क्षेत्र 

पाली - भद्रावन

लिथियम 

उत्पादन एवं भण्डार- राजगढ (अजमेर)

एस्बेस्ट्रोस

  • इसे मिनरल सिल्क भी कहा जाता है।
अधात्विक खनिज (Non-Metallic minerals) - जिप्सम, लाइमस्टोन, अभ्रक, चाइनाक्ले

जिप्सम

  • क्षारीय भूमि की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है।
  • सेम की समस्या के निवारण के लिए भी जिप्सम का प्रयोग किया जाता है।
  • इसके उत्पादन व भण्डारण की दृष्टि से राजस्थान का भारत मे प्रथम स्थान है।
जिप्सम उत्पादन क्षेत्र 
  • नागौर - गोठ मांगलोद, भदवासी, धाकोरिया
  • बाडमेर- कुरला, उतरलाई, पीर की ढाणी
  • पाली - खुटानी
  • बीकानेर- जामसर, लुणकरणसर, सियासर, हरकासर
  • जामसर जिप्सम की सबसे बडी खान है।

अभ्रक 
  • इसे माईका भी कहा जाता है।
  • भीलवाड़ा को अभ्रक नगरी कहा जाता है।

संगमरमर

  • राजस्थान में संगमरमर का सर्वाधिक उत्पादन राजसमंद में होता है।
  • संगमरमर की सर्वाधिक खाने उदयपुर जिले में है इसलिए उदयपुर को व्हाइट सिटी भी कहा जाता है।
  • राजस्थान से सर्वाधिक निर्यात संगमरमर का ही किया जाता है।
  • मकराना(नागौर)का संगमरमर सर्वश्रेष्ठ संगमरमर माना जाता है ताजमहल का निर्माण इसे संगमरमर से किया गया है।
  • काला संगमरमर -(भैसलाना) जयपुर 
  • सफेद संगमरमर - नागौर व  राजसमंद
  • बादामी संगमरमर - जोधपुर
  • सुनहरा संगमरमर - जैसलमेर
  • गुलाबी संगमरमर - जयपुर व सिरोही
  • हरा संगमरमर - उदयपुर
  • सतरंगी संगमरमर - पादरा गांव (पाली)

ग्रेनाइट

  • यह सबसे महंगा इमारती पत्थर है।

ग्रेनाइट उत्पादन क्षेत्र

  • जालौर - इसे ग्रेनाइट शहर भी कहा जाता है।
  • बाड़मेर - बाड़मेर में छप्पन की पहाड़ियों से भी ग्रेनाइट का उत्पादन होता है इसलिए इन पहाड़ियों को ग्रेनाइट पहाड़ियां कहां जाता है इन पहाडिय़ों से गुलाबी ग्रेनाइट का उत्पादन होता है।

पन्ना

  • राजस्थान में इसका उत्पादन राजसमंद में कालागुमान से किया जाता है।
  • इसे हरी अग्नि भी कहा जाता है।
  • पन्ना मंडी - जयपुर 
  • राजसमन्द व अजमेर के मध्य पन्ना जमाव पेटी की खोज 1943 मे माइन्स मैनेजमेंट कंपनी (इंग्लैंड) द्वारा की गई।

हिरा

  • राजस्थान में इसका भण्डार केसरपुरा ( प्रतापगढ़) में है।
  • बाडमेर - मालाणी व रायोलाइट क्रम की चट्टानों मे हीरा के भण्डारो की खोज की गई।
रासायनिक उर्वरक खनिज 

रॉक फास्फेट

  • अम्लीय भूमि की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए रॉक फास्फेट का प्रयोग किया जाता है।

रॉक फास्फेट उत्पादन क्षेत्र 

  • उदयपुर- झामरकोटडा व नीमच माता की खान - राजस्थान में सर्वाधिक रॉक फास्फेट का उत्पादन यहीं से किया जाता है।
  • बांसवाडा - सालोपद
  • जयपुर - अचरोल
  • सीकर - सलादीपुरा
  • जैसलमेर - लाठी सीरिज 
पायराइट 

यह गंधक का अम्ल बनाने मे उपयोगी है।
उत्पादन- सलादीपुर - सीकर 

पोटाश

राजस्थान मे पोटाश के सर्वाधिक भण्डार- बीकानेर 

ईंधन खनिज 

कोयला

  • कोयले के प्रकार - पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस, एन्थ्रेसाइट
  • राजस्थान में सर्वाधिक लिग्नाइट प्रकार के कोयले का उत्पादन किया जाता है, इसके सर्वाधिक भण्डार बीकानेर मे है, पलाना एशिया की सबसे बडी लिग्नाइट की खान है।
  • एन्थ्रेसाइट उच्च कोटि का कोयला है।
  • बीकानेर - पलाना, बिठनोक, बरसिंहसर, गुढा, हाडला, केसर देसर
  • बाड़मेर - कपूरडी, जालीपा, गिरल, राजस्थान मे लिग्नाइट का सर्वाधिक उत्पादन कपुरडी मे होता है।
  • नागौर - मेडता रोड, इग्यार, माता सुख
पेट्रोलियम 

भारत के कुल कच्चे तेल का 22-23% राजस्थान मे उत्पादित होता है।
पेट्रोलियम उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का बोम्बे हाई के बाद भारत मे दुसरा स्थान है।
राजस्थान मे सर्वप्रथम 1954 मे ONGC द्वारा बाडमेर के गुढामालानी मे पेट्रोलियम की खोज की।
सन् 1999 मे केयर्न एनर्जी (स्काॅटलैंड) द्वारा बाडमेर के गुढामालानी क्षेत्र में पेट्रोलियम की खोज की।
29 अगस्त 2009 को केयर्न एनर्जी ने बाडमेर के मंगरा क्षेत्र में प्रथम तेल का कुंआ स्थापित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य 

हाल ही मे देवतलाई भीलवाड़ा मे सोना एवं तांबा के भंडार मिले है।

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