". भारत का भौतिक स्वरूप ~ Rajasthan Preparation

भारत का भौतिक स्वरूप


भारत का भौतिक स्वरूप 

भारत को कुल 4 भौतिक स्वरूपो मे विभाजित किया गया है।

  1. उत्तरी पर्वतीय प्रदेश 
  2. प्रायद्वीपीय पठार
  3. मध्य का विशाल मैदान 
  4. तटीय प्रदेश एवं द्वीप समूह 
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उत्तरी पर्वतीय प्रदेश

 इसे तीन भागों में विभाजित किया गया है।

1) हिमालय

  • हिमालय की उत्पत्ति- साइनोजोइक या टर्शीयरी काल मे भारतीय प्लेट एवं युरेशियन प्लेट मे अभिसारी गति के कारण वलित पर्वत हिमालय कि उत्पति हुई।
  • हिमालय की उत्पत्ति टेथिस सागर से हुई है इसलिए टेथिस सागर को हिमालय का गर्भग्रह कहा जाता है।
  • हिमालय को नवीन वलित पर्वत कहा जाता है।
हिमालय को ऊंचाई के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है। 
  • 1) महान हिमालय 
  • सिन्धु नदी के गार्ज(जम्मू कश्मीर) से ब्रह्मपुत्र नदी(अरूणाचल प्रदेश) तक का हिमालय महान हिमालय कहा जाता है।
  • उपनाम - हिमाद्रि, विशाल हिमालय, वृहद हिमालय 
  • महान हिमालय कि औसत उँचाई- 6000M है।
  • हिमालय तंत्र कि सभी नदियों का उद्गम महान हिमालय से होता है।
  • बनिहाल दर्रा - जम्मू से कश्मीर जाने का मार्ग है यह महान हिमालय मे स्थित है।
महान हिमालय कि प्रमुख चोटियां
  • माउण्ट एवरेस्ट- नेपाल(8848) - यह विश्व कि सबसे उँची चोटी है।
  • कंचनजंघा - सिक्किम (8586M) - यह भारत की सबसे उँची चोटी है।
  • नंदा पर्वत- उत्तराखंड 
  • नागा पर्वत- जम्मू कश्मीर 
  • 2) लघु हिमालय 
  • यह महान हिमालय के दक्षिण मे स्थित है।
  • लघु हिमालय की औसत ऊँचाई- 3700 से 4500मी के मध्य 
  • लघु हिमालय के पहाडी ढालो पर जम्मू कश्मीर में जो मैदान पाए जाते हैं उन्हे मर्ग कहा जाता है।
  • लघु हिमालय के पहाड़ी ढालो पर उत्तराखंड मे जो मैदान जाते हैं उन्हे वुग्यार या पायार कहा जाता है।
  • मेन सेन्ट्रल थ्रस्ट - महान हिमालय एवं लघु हिमालय को अलग करने वाली रेखा।
  • उत्तर भारत के समस्त स्वास्थ्य वर्दक स्थल (Hill Station) लघु हिमालय मे स्थित है। जैसे - शिमला, मंसुरी, दार्जीलिंग व नैनीताल आदी।

लघु हिमालय की प्रमुख श्रेणियाँ 

  • पीरपंजाल 
  • धोलाधर श्रेणी(उत्तराखण्ड)
  • महाभारत श्रेणी(नेपाल)
  • नागटिब्बा श्रेणी(नेपाल)
  • 3) बाह्य हिमालय/शिवालिक कि पहाडिया

  • यह लघु हिमालय के दक्षिण मे स्थित है।
  • बाह्य हिमालय पंजाब से कोसी नदी(बिहार) तक विस्तृत है।
  • मैन बाउंड्री फाल्ट - लघु हिमालय एवं बाह्य हिमालय को अलग करने वाली रेखा को मैन बाउंड्री फाल्ट कहा जाता है।
  • इसकि औसत ऊँचाई 900 से 1200 मीटर है।
  • लघु हिमालय एवं बाह्य हिमालय के मध्य जो घाटियां पाई जाती है उसमे पश्चिमी घाटियों दून जैसे देहरादून तथा पूर्वी घाटियों को द्वार जैसे हरिद्वार कहा जाता है।

2) ट्रांस हिमालय

  • इसे शीत मरूस्थल भी कहा जाता है।
  • ट्रांस हिमालय एवं हिमालय को अलग करने वाली रेखा इंडो सांगपो सचर जोन कहलाती है।
  • ट्रांस हिमालय कि सबसे उँची चोटी- K2 है इसे गाॅडविन ऑस्टिन भी कहा जाता है।

ट्रांस हिमालय कि प्रमुख पर्वत श्रेणीया

  • काराकोरम श्रेणी - विश्व कि दुसरी सबसे उंची चोटी K2 काराकोरम श्रेणी में स्थित है यह चोटी POK मे स्थित है काराकोरम दर्रा इसी श्रेणी में स्थित है।
  • लद्दाख श्रेणी 
  • जास्कर श्रेणी - जोजीला दर्रा इसी श्रेणी में स्थित है।
  • कैलाश श्रेणी- यह नेपाल मे स्थित है।

ट्रांस हिमालय के प्रमुख दर्रे 

  • काराकोरम दर्रा(जम्मू कश्मीर) - यह भारत का सबसे बडा दर्रा है।
  • बुर्जिल दर्रा(जम्मू-कश्मीर) - यह श्रीनगर से गिलगित जाने का मार्ग है।
  • जोजिला दर्रा(जम्मू कश्मीर) - यह श्रीनगर से लेह जाने का मार्ग है।

3) पूर्वांचल कि पहाडिय़ा

  • भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित श्रेणियों को पूर्वांचल श्रेणी कहा जाता है इसका कुल विस्तार 100Km है।

हिमालय का प्रादेशिक वर्गीकरण- 4 भागो मे

1) पंजाब हिमालय
  •  सिंधु नदी से सतलज नदी के मध्य का हिमालय पंजाब हिमालय कहलाता है। इसकी लंबाई 560km है। इसकी सबसे उँची चोटी k2 (8611m) है ।
2) कुमायु हिमालय
  • सतलज नदी से लगाकर काली नदी तक का हिमालय कुमायूं हिमालय कहलाता है इसकी सबसे ऊंची चोटी नंदा पर्वत है इसकी कुल ऊंचाई 320 किलोमीटर है प्रादेशिक वर्गीकरण के आधार पर हिमालय का सबसे छोटा भाग कुमायूं हिमालय है।
3) नेपाल हिमालय-
  • काली नदी से लगाकर तिस्ता नदी तक का हिमालय नेपाल हिमालय कहलाता है इसकी लंबाई 800 km है। विश्व कि सबसे उँची चोटी माउण्ट एवरेस्ट एवं भारत कि सबसे उँची चोटी कंचनजंघा नेपाल हिमालय मे स्थित है।
4) असम हिमालय 
  • तिस्ता नदी से ब्रह्मपुत्र नदी तक का हिमालय असम हिमालय कहलाता है इसकी लंबाई 720 Km है।

उत्तरी पर्वतीय प्रदेश के अन्य प्रमुख दर्रे

  • बडालाचाला दर्रा- हिमाचल प्रदेश
  • शिपकीला दर्रा(हिमाचल प्रदेश)- यह हिमाचल प्रदेश से तिब्बत जाने का मार्ग है सतलज नदी भारत में यही से प्रवेश करती है।
  • रोहतांग दर्रा - हिमाचल प्रदेश
  • नीति दर्रा - उत्तराखंड
  • माना दर्रा - उत्तराखंड
  • लिपुलेख दर्रा - उत्तराखंड
  • नाथूला दर्रा (सिक्किम) यह दर्रा भारत से चीन जाने का रास्ता है।
  • जेलेप्ला दर्रा(सिक्किम)- यह भारत से भुटान जाने का मार्ग है।
  • बोलडीला दर्रा - अरुणाचल प्रदेश
  • यांग्याप दर्रा(अरुणाचल प्रदेश) - इसी दर्रे से ब्रह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करती है।
  • दिफुदर्रा - अरुणाचल प्रदेश
  • लेख पानी दर्रा(अरुणाचल प्रदेश) यह त्रिसंधि पर स्थित दर्रा है
  • तुजू दर्रा(मणिपुर) यह भारत और म्यांमार को जोड़ता है।

प्रायद्वीपीय पठार

  • इसे भारत का सबसे प्राचीनतम भुखण्ड माना जाता है।
  • उत्पत्ति - गोंडवाना लैंड
  • उत्पत्ति काल - एजोइक महाकल्प मे प्रीकेम्ब्रियन काल मे।

प्रायद्वीपीय पठार मे पाई जाने वाली प्रमुख चट्टाने

  • दक्कन ट्रेप चट्टाने 
  • धारवाड़ चट्टाने 
  • कडप्पा चट्टाने 

प्रायद्वीपीय पठार मे पाए जाने वाले प्रमुख पर्वत

पश्चिमी घाट पर्वत 

  • यह ताप्ती नदी से लेकर केरल तक विस्तृत है इसकी कुल लंबाई लगभग 1600 किलोमीटर यह भारत कि दूसरी सबसे लंबी पर्वत श्रंखला है। इसकी औसत ऊंचाई 12 मीटर है।

16° चैनल पश्चिमी घाट को दो भागों में विभाजित करती है।

  1. उत्तरी सहयाद्री - इसकी सबसे ऊंची चोटी काल सुबोई है जिसकी कुल ऊंचाई 1646 मीटर है।
  2. दक्षिणी सहयाद्री - इसकी सबसे ऊंची चोटी कुद्रेमुख है जिसकी कुल ऊंचाई 1892 मीटर है।

पश्चिमी घाट में स्थित प्रमुख दर्रे

  • थालघाट दर्रा- महाराष्ट्र 
  • भोरघाट दर्रा - महाराष्ट्र
  • पालघाट दर्रा - कर्नाटक

पूर्वी घाट पर्वत

  • यह महानदी से लेकर तमिलनाडु तक फैला हुआ है प्राचीन काल में इसे महेंद्र गिरी पर्वत के नाम से जाना जाता था।

पूर्वी घाट की प्रमुख चोटियां

  • अर्माकोंडा- (विशाखापट्टनम) उड़ीसा - इसकी ऊंचाई 1580 मीटर है।
  • महेंद्रगिरी - आंध्र प्रदेश - इसकी ऊंचाई 1502 मीटर है।

नीलगिरी की पहाड़ियां

  • यहां कर्नाटक केरल और तमिलनाडु तीन राज्यों में विस्तृत है इसकी सबसे ऊंची चोटी डोडावेट्टा है यह प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है इसकी कुल ऊंचाई 2637 मीटर है।
  • नीलगिरी की पहाड़ियों को पूर्वी एवं पश्चिमी घाट का जंक्शन कहा जाता है।
  • दक्षिण भारत का स्वास्थ्य वर्धक यंत्र (हिल स्टेशन) उट्टकमंडल या उँटी नीलगिरी की पहाड़ियों में कर्नाटका में स्थित है।

अन्नामलाई की पहाड़ियां

  • यह केरल व तमिलनाडु दो राज्यों में विस्तृत है यह भारत की सबसे दक्षिणतम पहाड़िया है।
  • प्रायद्वीपीय भारत की सबसे ऊंची चोटी अर्नागुडी इन्ही पहाड़ियों में स्थित है। इसकी कूल ऊंचाई 2695 मीटर है।

इलायची की पहाड़ियां - केरल

पालानी की पहाड़ियां - तमिलनाडु

गिर की पहाड़ियां - गुजरात

सतपुड़ा पर्वत

  • इसका विस्तार मध्य प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक है। 
  • सतपुड़ा पर्वत की या मध्य भारत की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ है।
  • मध्य भारत का स्वास्थ्य वर्धक स्थल (हिल स्टेशन) पंचमढ़ी सतपुड़ा पर्वत पर स्थित है।

यह भ्रंश पर्वत श्रृंखला है यह तीन भागों में विभाजित है।

  1. सतपुड़ा पहाड़िया
  2. महादेव जी की पहाड़ियां
  3. मैकाले पहाड़िया - अमरकंटक इसकी सबसे ऊंची चोटी है नर्मदा व सोन नदी अमरकंटक से निकलती है

विंध्याचल पर्वत

  • यह मध्य प्रदेश से झारखंड तक विस्तृत है। यह पर्वत श्रंखला भारत को दो बराबर भागों में विभाजित करती है।

यह चार भागों में विभाजित है।

  1. विंध्यांचल की पहाड़ियां
  2. भंडारे की पहाड़ियां 
  3. कैमूर की पहाड़ियां
  4. पारसनाथ की पहाड़ियां 

प्रायद्वीपीय पठार मे स्थित प्रमुख पठार

  1. मालवा का पठार - यहा मुख्य रूप से मध्य प्रदेश वह गुजरात में फैला हुआ है।
  2. बुंदेलखंड का पठार - यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है।
  3. बघेलखंड का पठार - यह मुख्य रूप से मध्यप्रदेश में फैला हुआ है।
4) छोटानागपुर का पठार - यह मुख्य रूप से झारखंड में फैला हुआ है 
  • छोटानागपुर का पठार क्षेत्र राजस्थान में बिटुमिनस कोयले के लिए प्रसिद्ध है भारत का रूर प्रदेश कहा जाता है।
  • राजमहल की पहाड़ियां(बिहार व झारखण्ड) इस पठार के उत्तर में स्थित है बंगाल का शोक कहीं जाने वाली दामोदर नदी इस पठार के मध्य से गुजरती है। 
छोटा नागपुर का पठार दो भागों में विभाजित है।
  1. हजारीबाग का पठार
  2. रांची का पठार

5) शिलांग का पठार- यह पठार मेघालय में स्थित है विश्व में सर्वाधिक वर्षा के लिए प्रसिद्ध स्थान मासिनराम एवं चेरापूंजी इसी पठार में स्थित है।

6) दक्कन का पठार - यह मुख्य रूप से महाराष्ट्र में स्थित है।

  • लोनार झील - भारत में ज्वालामुखी प्रक्रिया से निर्मित क्रेटर झील का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण लोनार झील इसी पठार में स्थित है।
7) तेलंगाना का पठार - यह तेलंगाना में स्थित है।

8) मैसूर का पठार - यह मुख्य रूप से कर्नाटक में स्थित है। बाबा बुदन की पहाड़ियां जो लौह अयस्क के लिए प्रसिद्ध है यह मैसूर के पठार में स्थित है भारत में कॉफी का सर्वाधिक उत्पादन इसी क्षेत्र में होता है।

मध्य का विशाल मैदान

इसमे नदियो द्वारा निर्मित किए गए मैदानो को शामिल किया जाता है।

तटीय प्रदेश एवं द्वीप समूह

  • भारत मे कुल द्वीप - 247
  • बंगाल की खाड़ी में स्थित कुल द्वीप - 204
  • बंगाल की खाड़ी खाड़ी मे स्थित द्वीपो को सामुहिक रूप से अंडमान निकोबार दीप समूह कहा जाता है।

10 डिग्री चैनल द्वारा अंडमान एवं निकोबार दीप समूह को अलग किया जाता है

  1. माउंट सैंडल- यह अंडमान निकोबार दीप समूह की सबसे ऊंची चोटी है जो उत्तरी अंडमान द्वीप मे स्थित है इसे सैंडल पिक भी कहा जाता है।
  2. नारकोंडम द्वीप- यह भारत का एकमात्र शांत ज्वालामुखी या सुषुप्त ज्वालामुखी है।
  • मध्य अंडमान द्वीप - यह अंडमान निकोबार का सबसे बड़ा द्वीप है।
  • दक्षिणी अंडमान- अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर इसी बीच में स्थित है काले पानी की सजा के लिए प्रसिद्ध जेल सेल्यूलर जेल इसी द्वीप मे स्थित है।
  • डंकन दर्रा - यह दर्रा दक्षिणी अंडमान व लघु अंडमान द्वीप के मध्य स्थित है।
  • ग्रेट निकोबार द्वीप - भारत का सबसे दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट इसे ग्रेट निकोबार में स्थित है।
  • बैरन द्वीप - भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
  • अंडमान निकोबार में मुख्य रूप से चारवा जनजाति निवास करती है।
  • अरब सागर मे स्थित कुल द्वीप - 43
  • अरब सागर में स्थित दीपू को सामूहिक रूप से लक्षद्वीप समूह कहा जाता है।
  • लक्ष्यद्वीप द्वीप प्रवाल द्वीप है।
  • एंद्रोत द्वीप - यह लक्षद्वीप समूह का सबसे बड़ा द्वीप है।
  • लक्ष्य दीप समूह की राजधानी करवती है।

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