मनोविज्ञान(Psychology) - अर्थ, परिभाषाएँ एवं सम्प्रदाय
मनोविज्ञान किसे कहते हैं?
- मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है मन का विज्ञान। प्राणियों की व्यवहार, मानसिक तथा दैहिक प्रक्रियाओ का अध्ययन मनोविज्ञान कहलाता है।
- इसके अंतर्गत प्राणियों के संवेदना, प्रत्यक्षीकरण, चिंतन, तर्क, कल्पना, स्मरण आदी का अध्ययन किया जाता है।
मनोविज्ञान कि उत्पत्ति- दर्शनशास्त्र से।
400 ई. पू से मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र का अंग माना जाता था एवं इसे मनादर्शन कहा जाता था।
मनोविज्ञान की परिभाषाएं
स्किनर के अनुसार
- मनोविज्ञान व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है। जो जीवन की सभी परिस्थितियों में प्राणी की क्रियाओ का अध्ययन करता है।
वुडवर्थ के अनुसार
- मनोविज्ञान वातावरण के संपर्क में आने वाले व्यक्ति के क्रियाकलापों का विज्ञान है।
मोकडुगल के अनुसार
मनोविज्ञान आचरण व व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है।
मनोविज्ञान का विकास
आत्मा का विज्ञान
- अरस्तु ने सर्वप्रथम 16 वी शताब्दी मे मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान कहा। प्लेटो व डेकार्त ने इनका समर्थन किया।
- साइकोलोजी युनानी(ग्रीक) भाषा का शब्द है गैरिट के अनुसार यह दो शब्दो से मिलकर बना है साइकी + लोगस
- साइकी = आत्मा
- लोगस = अध्ययन
- मनोविज्ञान का जनक - अरस्तु
- साइक्लोजिया - यह पुस्तक रुडोल्फ गोयक्ले द्वारा 1590 मे लिखी गई, यह मनोविज्ञान कि प्रथम पुस्तक है मनोविज्ञान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग इसी पुस्तक में किया गया।
मन का विज्ञान
- 16 वी सदी के बाद आत्मा के विज्ञान का विखंडन हुआ एवं 17 वी शताब्दी मे पम्पोनाॅजी ने इसे मन का विज्ञान कहा,
- इनका समर्थन जाॅन लाॅक, रीचेरी, थाॅमस रीड ने किया। इनके अनुसार साइकोलोजी दो शब्दों से मिलकर बना है साइकी + लोगस
- साइकी = मन
- लोगस = अध्ययन
चेतना का विज्ञान
- विलियम वुण्ट ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान कहा।
- मनोविज्ञान के आधुनिक जनक - विलियम वुण्ट
- वाइव्स, विलियम जेम्स, जेम्स सली ने इसका समर्थन किया।
- विलियम वुण्ट ने मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला जर्मनी में लिपजिंग नगर मे लिपजिंग विश्वविद्यालय 1879 मे स्थापित की।
- लियजिंग विश्वविद्यालय का वर्तमान नाम कार्ल मार्क्स विश्वविद्यालय है इस प्रयोगशाला मे किशोर एवं किशोरियो पर अधिक प्रयोग किया जाता था।
- विलियम वुण्ट को प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक माना जाता है।
- अंर्तदर्शन विधि - यह एक प्रयोग कि विधि है इसका प्रतिपादन विलियम वुण्ट द्वारा किया गया।
- 1880 मे मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र से अलग विषय का दर्जा विलियम वुण्ट ने दिलाया।
- 1890 मे विलियम जेम्स ने प्रिंसिपल ऑफ साइकोलोजी पुस्तक प्रकाशित की।
- विलियम मोकडुगल ने अपनी पुस्तक आउटलाइन ऑफ साइकोलोजी मे चेतना शब्द की आलोचना की।
व्यवहार का विज्ञान
- जाॅन ब्रोडन वाट्सन ने मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा। इसके अंतर्गत मनोविज्ञान मैं प्राणियों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
- व्यवहारवाद का जनक जे बी वाटसन को कहा जाता है व्यवहारवाद कि नींव 1913 मे रखी गई।
- व्यवहारवाद नामक पुस्तक 1924 मे जे बी वाटसन ने लिखी थी।
- व्यवहार शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग विलियम मैकडुगल ने अपनी पुस्तक आउटलाइन ऑफ साइकोलोजी मे किया, इन्होंने चेतना को बुरा शब्द बताया।
- बी एफ स्किनर, क्लार्क एल हल एवं इवान पी पावलाॅव ने व्यवहार के विज्ञान सिद्धांत का समर्थन किया।
- मनोविज्ञान के संदर्भ में विलियम वुडवर्थ का एक कथन है कि मनोविज्ञान ने सबसे पहले अपनी आत्मा को त्यागा, फिर मन को छोड़ा, फिर चेतना को खोया एवं अब मनोविज्ञान व्यवहार को स्वीकार करता है।
मनोविज्ञान के प्रमुख सम्प्रदाय
संरचनावाद सम्प्रदाय/प्रयोगात्मक सम्प्रदाय
- प्रारंभ - विलियम वुण्ट (1892)
- समर्थनकर्ता - टिचनर, बेडफाॅर्ड, एडलर
- अध्ययन प्रकरण - संवेदना या चेतना
- संवेदना - झानेन्द्रियो द्वारा प्राप्त होने वाला प्रथम ज्ञान संवेदना कहलाता है।
- विलियम वुण्ट ने संवेदना की दो विशेषताएं बताई- गुण व तीव्रता
- टीचनर ने संवेदना की चार विशेषताएं बताई- गुण, तीव्रता, स्पष्टता व अवधि
कार्यवाद सम्प्रदाय /प्रकार्यवाद
- प्रारंभ- विलियम जेम्स द्वारा (1895)
- समर्थनकर्ता- राॅलैण्ड एंजिल, जाॅन डीवी, थाॅर्नडाइक व कैटल
- अध्ययन प्रकरण- प्रत्यक्षीकरण
- प्रत्यक्षीकरण- संवेदना के विभिन्न कार्यो पर बल देना प्रत्यक्षीकरण कहलाता है।
व्यवहारवाद सम्प्रदाय
- प्रारंभ- जे बी वाट्सन (1913)
- समर्थनकर्ता- बी एफ स्किनर, क्लार्क एल हल,इवान पी पावलाॅव, मैकड्युगल, विलियम वुडवर्थ
- अध्ययन प्रकरण- व्यवहार
- व्यवहार - मानसिक स्थिति से कि गई क्रिया या मानसिक स्थिति का बाह्य रूप व्यवहार कहलाता है।
- इस सम्प्रदाय ने मनोविज्ञान को विज्ञान का दर्जा दिलाया।
- 1925 मे प्रकाशित व्यवहारवाद नामक पुस्तक में वाट्सन ने कहा है की मुझे कोई भी बालक दे, दो मै उसे कुछ भी बना सकता हूँ।
गेसटाल्टवाद या समग्रवाद सम्प्रदाय
- प्रारंभ- मैक्स वर्दीमल(1912)
- समर्थनकर्ता- कर्ट लेविन, कर्ट कोफ्का, कोहलर
- यह सम्प्रदाय मनोविज्ञान को चेतना एवं व्यवहार दोनों का विज्ञान मानता है।
- 1920 मे जर्मनी मे गेस्टाल्ट मनोविज्ञान का उदय हुआ।
मनोविश्लेषणवाद सम्प्रदाय
- प्रारंभ - सिग्मण्ड फ्रायङ (1900)
इन्होने मन के तीन प्रकार बताए
- अचेतन मन - इस मन के साथ व्यक्तित्व का इदम भाग जुडा रहता है इस मन को आनंद एवं सुख प्रिय है इसलिए इस मन को आनंद या सुख का मन कहा जाता है इसी मन को तार्किक मन भी कहते हैं मानव मे 90% मन अचेतन मन होता है।
- अर्द्धचेतन मन -इस मन के साथ व्यक्तित्व का अहम् भाग जुडा रहता है याद कि हुई घटनाए भूल जाना अर्द्धचेतन मन के कारण होता है
- चेतन मन - इस मन के साथ व्यक्तित्व का परम अहम् भाग जुडा रहता है मानव मे 10% मन चेतन मन होता है इसे यथार्थवादी, आदर्शवादी एवं नैतिक मन कहा जाता है।
मानवतावाद सिद्धांत
- प्रारंभ- अब्राहम मैस्लो व रोजर्स
- इसे मांग या आवश्यकता का सिद्धांत भी कहा जाता है।
संज्ञानवाद सिद्धांत
जनक - जीन पियाजे
इसे निर्मितवाद/रचनावाद/संरचनावाद भी कहा जाता है।
यह भी दो विचारधाराओं मे वर्गीकृत है
1) ज्ञान रचनावाद - जीन पियाजे
2) सामाजिक संस्कृतिवाद - वाइगोत्सकी
साहचर्यवाद
प्रतिपादक - जाॅन लाॅक
इसमे अनुभव पर बल दिया गया है।
- शारिरीक मांग
- सुरक्षा कि मांग
- समाज की मांग
- सम्मान कि मांग
- आत्म सिद्धी कि मांग
मनोविज्ञान अनुसंधान के चरण
1) समस्या का चयन
2) प्रदत्त संग्रह
3) निष्कर्ष निकालना
4) निष्कर्ष पुनरीक्षण करना।
मनोविज्ञान की शाखाऐ (Branches of Psychology)
सामान्य मनोविज्ञान
असामान्य मनोविज्ञान
तुलनात्मक मनोविज्ञान
बाल मनोविज्ञान
किशोर मनोविज्ञान
सामाजिक मनोविज्ञान
सामाजिक मनोविज्ञान का जनक - कुर्ट लेविन
शिक्षा मनोविज्ञान
शिक्षा मनोविज्ञान को व्यावहारिक विज्ञान माना जाता है, शिक्षा मनोविज्ञान सीखने के क्यों कैसे और क्या से संबंधित है।
शिक्षा मनोविज्ञान का प्रारंभ 1880 मे फ्रांसिस गाल्टन के योगदान से प्रारंभ होता है।
प्रथम शिक्षा मनोविज्ञानिक - थाॅर्नडाइक
स्किनर के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान का संबंध सीखने व सिखाने से है।
शिक्षा - शिक्षा शब्द की उत्पत्ति शिक्ष् धातु से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ है - सीखना
शिक्षा की परिभाषा
मनुष्य में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति ही शिक्षा है - स्वामी विवेकानंद
शिक्षा से तात्पर्य मनुष्य के शरीर मस्तिष्क तथा आत्मा के सर्वोत्तम विकास की अभिव्यक्ति से है। - महात्मा गांधी
शिक्षा व्यक्ति की उन सभी योग्यताओं का विकास है जिनके द्वारा वह वातावरण के ऊपर नियंत्रण स्थापित करता है - जाॅन डीवी
शिक्षा पुनर्कथन या सारांश है। - दिबे
जाॅन डीवी ने अपनी पुस्तक शिक्षा तथा समाज में शिक्षा के तीन तत्व माने है।
1) शिक्षक
2) शिक्षार्थी
3) पाठ्यक्रम
जॉन ऐडम्स ने शिक्षा के दो तत्व माने हैं।
1) शिक्षक
2) छात्र
शिक्षा मनोविज्ञान की विधियाँ
आत्मनीष्ठ विधियाँ
1) आत्म निरीक्षण विधि - स्वयं का स्वयं द्वारा मूल्यांकन करना
2) गाथा वर्णन विधि - कुछ निश्चित बिंदुओं के आधार पर व्यक्ति अपनी स्वयं की जीवनगाथा लिखता है तो उसे गाथा वर्णन विधि कहा जाता है।
वस्तुनिष्ठ विधि
1) निरीक्षण विधि - यह अवलोकन विधि है।
इसका प्रतिपादन वाट्सन ने किया।
यह छोटे बालक, जानवर व पागलो के अध्ययन के लिए उपयुक्त है।
2) प्रयोगात्मक विधि
इसका प्रतिपादन विलियम वुण्ट ने किया।
इसकी शुरुआत समस्या से होती है, इसमे समस्या से प्रयोग का प्रारंभ होता है।
निदानात्मक विधि
प्रतिपादक - टाइडमैन
इसे व्यक्ति इतिहास विधि भी कहा जाता है क्योंकि इसमे भुतकाल से लेकर वर्तमान काल तक का अध्ययन किया जाता है।
प्रशनावली विधि
इसके जनक सुकरात थे किंतु इसका मनोविज्ञान मे प्रयोग वुडवर्थ ने किया।
मनोविश्लेषण विधि
प्रतिपादन- सिग्मण्ड फ्रायड
इसमे अचेतन मन का अध्ययन किया जाता है।
इसके तीन प्रकार है
1) स्वतंत्र साहचर्य विधि
2) स्वप्न विश्लेषण विधि - अचेतन मन की विशेषताओ को ज्ञात करने की यह सर्वाधिक उपर्युक्त विधि है।
3) शब्द संपर्क विधि
विकासात्मक विधि
प्रतिपादन- जीन पियाजे
इसमे बालक के विकास की अवस्थाओ का अध्ययन किया जाता है।
साक्षात्कार विधि
आमने सामने बैठकर विचारों का आदान प्रदान करना साक्षात्कार कहलाता है।
पहली बार बच्चों के व्यक्तित्व विकास मे घरेलू शिक्षा पर बल देने का क्षेय डेमाक्रेट्स को जाता है।
प्रेक्षण विधि
प्रतिपादक - अल्बर्ट बाण्डुरा
प्रोढ मनोविज्ञान
विकासात्मक मनोविज्ञान
विकासात्मक मनोविज्ञान का जनक- जीन पियाजे
प्रयोगात्मक मनोविज्ञान
जनक - विलियम वुण्ट
पशु मनोविज्ञान
विवेचनात्मक/उपचारात्मक मनोविज्ञान
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