". राजस्थानः जलवायु ~ Rajasthan Preparation

राजस्थानः जलवायु


राजस्थान कि जलवायु (Climate of rajasthan)

जलवायु - किसी क्षेत्र कि दीर्घकालिन वायु कि अवस्था जलवायु कहलाती है।
मौसम - किसी क्षेत्र कि अल्पकालीन वायु कि अवस्था मौसम कहलाती है। मानसून या मौसम शब्द कि उत्पत्ति अरबी भाषा के मौसिम शब्द से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ है पवन कि दिशा।
Rajasthan preparation
Climate of rajasthan 

विश्व मे सबसे पहले जलवायु कि व्याख्या अरब यात्री हिप्पोटस ने कि थी। भारत में सबसे पहले जलवायु कि व्याख्या अरब यात्री अलमसुदी ने कि थी।

राजस्थान कि जलवायु के निर्धारक या प्रभावित करने वाले कारक

  • अक्षाशीय स्थिति 
  • अरावली कि दिक् स्थिति 
  • थार का मरूस्थल 
  • महाद्वीपीयता - महाद्वीपीयता से तात्पर्य है समुद्र से दुरी।
  • समुद्र से ऊचाई 
  • वनस्पति 
  • तापमान 
  • वर्षा/ आर्द्रता 
  • महासागरीय धाराएँ
  • पछुवा पवने - पश्चिम दिशा से आने वाली गर्म हवाएं

राजस्थान मे  दक्षिण पश्चिम मानसून की दो शाखाएँ प्रवेश करती है-:

1) अरब सागरीय शाखा 

राजस्थान मे सबसे पहले अरब सागरीय मानसून की शाखा प्रवेश करती है, यह राजस्थान मे सबसे पहले बांसवाडा जिले में प्रवेश करती है, इस शाखा से राजस्थान कि कुल 10% वर्षा होती है, इस शाखा कि मानसूनी हवाओं का अरावली पर्वतमाला के समानान्तर गति करने के कारण इससे थार के मरूस्थल मे वर्षा नहीं होती है।

2) बंगाल की खाड़ी शाखा

यह शाखा राजस्थान मे सबसे पहले झालावाड़ जिले से प्रवेश करती है, राजस्थान कि कुल 90% वर्षा बंगाल की खाड़ी मानसून से होती है, इस मानसून से आने वाली हवाएं भी थार के मरूस्थल मे कम वर्षा करती है क्योकि ये हवाएं अरावली से टकराकर अरावली के पूर्व में वर्षा करती है इसलिए पश्चिमी राजस्थान को बंगाल की खाड़ी मानसून का वृष्टि छाया प्रदेश कहा जाता है।

एलनीनो व ला नीनो - यह एक प्रशांत महासागरीय जलधारा है। इसकी उत्पत्ति 25 दिसम्बर के आसपास होने के कारण इसे बालक ईसा कहा जाता है, इसके अधिक प्रभाव के कारण राजस्थान मे अनावृष्टि या अकाल कि स्थिति उत्पन्न होती हैं इसे अलनीनो प्रभाव कहा जाता है, वही इसका प्रभाव कम होने पर राजस्थान मे अतिवृष्टि होती है जिसे ला नीनो प्रभाव कहा जाता है।

जलवायु का वर्गीकरण

राजस्थान कि जलवायु को 5 भागो में वर्गीकृत किया गया है।

शुष्क जलवायु प्रदेश

इसमे राजस्थान का जैसलमेर, दक्षिणी गंगानगर,उत्तरी बाङमेर, बीकानेर व जोधपुर सम्मिलित हैं, यहाँ 10 से 20 सेमी औसत वर्षा होती ह,। यहाँ औसत उच्चतम तापमान 40- 45°C  एवं न्यूनतम औसत तापमान 0 से 10°C रहता है। 

प्रमुख वनस्पति- मरूदभिद्

अर्दशुष्क जलवायु प्रदेश 

इसमे राजस्थान का गंगानगर, हनुमानगढ,चुरू,नागौर, दक्षिणी बाडमेर, पाली, जालौर, सीकर, झुंझनूं ,पाली, व बीकानेर का पूर्वी भाग सम्मिलित हैं। यहाँ 20 से 40 सेमी औसत वर्षा होती है। यहा औसत उच्चतम तापमान 36-42°C  एवं न्यूनतम औसत तापमान 10 से 17°C रहता है। 

मृदा- रेतीली बलुई मृदा( एण्टीसोल)

उपआर्द जलवायु प्रदेश 

इस क्षेत्र मे अलवर, जयपुर, अजमेर, पाली, जालौर, नागौर व झुझुनू का पूर्वी भाग तथा टोंक, भीलवाड़ा व सिरोही का उत्तरी पश्चिमी भाग को सम्मिलित किया गया है। यहा पर औसत 40 से 60 सेमी औसत वर्षा होती है।यहा औसत उच्चतम तापमान 28-36°C  एवं न्यूनतम औसत तापमान 12 से 18°C रहता है। 

आर्द्र जलवायु प्रदेश

इस क्षेत्र मे भरतपुर, धौलपुर, कोटा, बुंदी, सवाईमाधोपुर, उ.पू. उदयपुर, द.पू. टोंक तथा चित्तौड़गढ़ को सम्मिलित किया गया है। यहा पर 60-80 सेमी औसत वर्षा होती है।यहा औसत उच्चतम तापमान 30-34°C  एवं न्यूनतम औसत तापमान 10 से 17°C रहता है। 

वनस्पति- साल/ खैर/तेन्दू

अति आर्द्र जलवायु प्रदेश

इस क्षेत्र मे द.पू. कोटा, बारां, झालावाड़, बांसवाडा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, द.पू. उदयपुर तथा माउण्ट आबू क्षेत्र सम्मिलित हैं यहाँ 60-100 सेमी या अधिक औसत वर्षा होती है। यहा औसत उच्चतम तापमान 30-40°C  एवं न्यूनतम औसत तापमान 10 से 17°C रहता है। 

कोपेनहेगन का वर्गीकरण 

कोपेनहेगन का पूरा नाम ब्लामिदीर कोपेनहेगन था यह जर्मनी के थे इन्होंने वनस्पति के आधार पर विश्व कि जलवायु को 5 भागो में वर्गीकृत किया। लेकिन कोपेनहेगन के वर्गीकरण के अनुसार राजस्थान को  वनस्पति के आधार पर 4 भागो में वर्गीकृत किया गया है।

1) BWhw - उष्ण कटिबंधीय मरूस्थलीय जलवायु प्रदेश 

2) BShw - उष्ण कटिबंधीय अर्दशुष्क जलवायु 

3) Cwg - उपआर्द जलवायु प्रदेश 

4) Aw - उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश 

थार्नवेट का वर्गीकरण 

थार्नवेट ने वर्षा, तापमान और  जलवायु के आधार पर राजस्थान कि जलवायु को 4 भागो में वर्गीकृत किया है।

1) EA'd - उष्ण कटिबंधीय मरूस्थलीय जलवायु प्रदेश 

2) DB'w - मध्य तापीय अर्दशुष्क जलवायु प्रदेश 

3) DA'w - उष्ण कटिबंधीय उपआर्द जलवायु प्रदेश 

4) CA'w - उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश 

थार्नवेट कि शब्दावली का सामान्य अर्थ 

E = मरूस्थलीय जलवायु प्रदेश 

A' = उष्ण कटिबंधीय 

d = सर्वदा शुष्क(dry)

जलवायु के आधार पर राजस्थान मे ॠतुएँ

1) ग्रीष्म ऋतु 

समय - मार्च से मध्य जुन तक

अधिकतम तापमान - 40से 45°C

न्यूनतम तापमान- 14से17°C

सबसे गर्म महीना- जुन 

राजस्थान का सबसे गर्म जिला- चुरू 

राजस्थान का सबसे गर्म स्थान - फलौदी( जोधपुर)

लू - ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली गर्म हवाओ को राजस्थान मे लू कहा जाता है, यह 120km/h की रफ्तार से चलती है।

राजस्थान मे सर्वाधिक आंधियाँ (लगभग 27) गंगानगर जिले मे आती है।

राजस्थान मे सबसे कम आंधियाँ (लगभग 3) झालावाड़ मे आती है

सर्वाधिक आंधियाँ बीकानेर संभाग मे आती है।

भभुल्या - ग्रीष्म ऋतु में आने वाला वायु का चक्रवात भभूल्या कहलाता है।

2) वर्षा ॠतु

मध्य जुन से सितम्बर तक

सर्वाधिक वर्षा- अगस्त मे

सर्वाधिक वर्षा वाला जिला- झालावाड़ 

राजस्थान मे न्यूनतम वर्षा वाला जिला- जैसलमेर 

राजस्थान मे सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान- माउण्ट आबू (150cm)

राजस्थान मे न्यूनतम वर्षा वाला स्थान - सम (जैसलमेर)

राजस्थान मे औसत वार्षिक वर्षा - 57.51 cm

वज्र तुफान - वर्षा प्रारंभ होने से पूर्व चलने वाली नम हवाएँ

राजस्थान मे सर्वाधिक वज्र तुफान - झालावाड़ व जयपुर 

राजस्थान मे सबसे  कम वज्र तुफान- बाडमेर व बीकानेर मे आते है।

3) शीत ॠतु 

मध्य दिसम्बर से फरवरी 

सबसे ठंडा महीना- जनवरी

राजस्थान का सबसे ठंडा स्थान - माउण्ट आबू 

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