". राजस्थान - वन एवं वन्य जीव अभ्यारण्य ~ Rajasthan Preparation

राजस्थान - वन एवं वन्य जीव अभ्यारण्य


राजस्थान वन एवं वन्य जीव अभ्यारण्य (Rajasthan forest and wildlife sanctuary)

राजस्थान के वन (Forest of rajasthan)

  • 1854 में लॉर्ड डलहौजी ने सर्वप्रथम भारत में वन विभाग की स्थापना की।
  • भारत में प्रथम वन नीति 1894 में ब्रिटिश सरकार द्वारा लागू की गई।
  • राजस्थान मे सर्वप्रथम वनों के संरक्षण का प्रावधान 1910 में जोधपुर रियासत ने बनाया।
  • 1927 में सर्वप्रथम ब्रिटिश सरकार द्वारा वन कानून बनाया गया।
  • राजस्थान मे 1935 में अलवर रियासत द्वारा सर्वप्रथम वन संरक्षण कानून बनाया गया।
  • राजस्थान वन विभाग कि स्थापना - जयपुर(1949)
  • स्वतंत्रता के पश्चात 1952 में सर्वप्रथम राष्ट्रीय वन नीति की घोषणा हुई।
  • राजस्थान वन अधिनियम- 1953
  • प्रथम राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार प्रत्येक राज्य में 33% वन क्षेत्र होना अनिवार्य है।
  • राजस्थान मे सर्वाधिक वन क्षेत्र- उदयपुर 
  • राजस्थान मे न्युनतम वन क्षेत्र- चुरू
  • राजस्थान मे सर्वाधिक वन - धौक वन
  • राजस्थान मे सर्वाधिक वनो का विस्तार उदयपुर जिले में है। 
  • 2021- 22 वन रिपाॅर्ट 17 वी वन रिपाॅर्ट है।
  • विश्व वन्यजीव दिवस - 03 मार्च
  • राजस्थान का कुल प्रशासनिक वन क्षेत्रफल- 32864 वर्ग किलोमीटर
  • वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के अंतर्गत राज्य मे शिकार पूर्णतया निषेध है।
भारतीय वन अधिनियम 1927 के आधार पर राजस्थान मे वन अधिनियम 1953 पारित किया गया इसके अंतर्गत वनो को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया

आरक्षित वन

वे वन जहां लकड़ी काटना एवं पशु चारण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो उन्हें आरक्षित वन कहा जाता है।
राजस्थान के कुल प्रशासनिक वन क्षेत्र के 37.05%  आरक्षित वन है।

रक्षित वन
वे वन क्षेत्र जहाँ पशु चारण एवं लकड़ी काटना आंशिक रूप से प्रतिबंधित हो उन्हें रक्षित वन कहा जाता है।
राजस्थान के कुल प्रशासनिक वन क्षेत्र के 56.49% रक्षित वन है।

अवर्गीकृत वन

वे वन जहां लकड़ी काटने एवं पशु चारण पर कोई प्रतिबंध नहीं हो उन्हें अवर्गीकृत वन कहा जाता है।
राजस्थान के कुल प्रशासनिक वन क्षेत्र के 6.46% अवर्गीकृत  वन है।

42 वें संविधान संशोधन 1976 के अंतर्गत वन एवं वन्यजीव विषय को राज्य सूची से हटा कर समवर्ती सूची में शामिल कर लिया गया।

राजस्थान मे सर्वाधिक वन क्षेत्र वाले जिले - उदयपुर, अलवर ,प्रतापगढ़, बांरा, चित्तौड़गढ़ 
राजस्थान मे न्यूनतम वन वाले जिले- चुरू, हनुमानगढ, जोधपुर, गंगानगर, दौसा

राजस्थान के वन्य जीव अभयारण्य 

राजस्थान मे कुल 27 वन्य जीव अभयारण्य एवं 3 राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण्य है।

  • रणथंभौर वन्य जीव अभ्यारण्य 
  • केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 
  • मुकुंदरा हिल्स 
कंजर्वेशन रिजर्व- 15
बाघ परियोजनाएँ - 4
रामसर स्थल - 2
कुल प्रादेशिक मण्डल - 38
वन्यजीव मंडल - 16

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान - सवाई माधोपुर 

  • यह राजस्थान का सबसे बड़ा राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण्य है। 
  • यह बाघ के लिए प्रसिद्ध है।
  • दर्ज़ा- 01 नवम्बर 1980

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान - भरतपुर 

  • क्षेत्रफल- 29 वर्ग किलोमीटर 
  • यह राजस्थान का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
  • यह साइबेरिया क्रेन (सारस) के लिए प्रसिद्ध है। साइबेरियन सारस शीत ऋतु में यहाँ आते हैं।
  • इसे पक्षियों का स्वर्ग भी कहा जाता है। 
  • दर्ज़ा- 27 अगस्त 1981

मुकुन्दरा हिल्स नेशनल पार्क - कोटा व चित्तौड़गढ़

  • जवाहर सागर अभ्यारण्य, चम्बल घडियाल अभ्यारण्य एवं दर्रा अभ्यारण्य तीनों के कुछ भाग को मिलाकर मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क का निर्माण किया गया है। जिसमें सर्वाधिक भाग दर्रा अभ्यारण्य का शामिल है। 
  • 9 जनवरी 2012 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
  • 10 अप्रैल 2013 को यहाँ राजस्थान की तीसरी बाघ परियोजना कि शुरुआत की गई।
  • यह बाघ व घडियालो हेतु प्रसिद्ध है।
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बाघ परियोजनाएँ

राजस्थान मे प्रमुख 4 बाघ परियोजनाएं है।, राजस्थान मे बाघ परियोजना की शुरूआत 1974 मे हुई।

1) रणथंभौर बाघ परियोजना - सवाई माधोपुर 

  • यह राजस्थान कि सबसे पहली बाघ परियोजना है इसे 1973-74 मे स्थापित किया गया।

2) सरिस्का बाघ परियोजना - अलवर

  • यह राजस्थान कि सबसे बड़ी बाघ परियोजना है। इसकी स्थापना भी  1973-74 मे कि गई।

3) मुकुंदरा हिल्स बाघ परियोजना - कोटा व चित्तौड़गढ़ 

  • इसकी स्थापना 2013 मे कि गई।

4) रामगढ विषधारी बाघ परियोजना - बुंदी 

हाल ही मे इसे देश का नवीनतम 52वाँ टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है, यह राज्य का चौथा एवं नवीनतम टाइगर रिजर्व है।
यह राजस्थान कि दुसरी सबसे बडी बाघ परियोजना है।

अन्य वन्य जीव अभयारण्य

सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य - अलवर 

  • स्थापना- 1955 मे
  • प्रसिद्ध- बाघ एवं हरे कबूतरों के लिए 
  • वनस्पति- कौंच के वृक्ष 

🇮🇳सरिस्का 'अ' वन्यजीव अभयारण्य- अलवर👍

  • यह राजस्थान का सबसे छोटा वन्य जीव अभयारण्य है।
  • स्थापना -2012 मे सरिस्का का कुछ भाग अलग करके सरिस्का 'अ' का निर्माण किया गया।

रामगढ़ विषधारी अभयारण्य - बुंदी 

  • प्रसिद्ध- बाघ के लिए 

राष्ट्रीय मरू उद्यान 

  • स्थापना- 1981 मे।
  • यह अभयारण्य जैसलमेर एवू बाडमेर मे स्थित है।
  • यह राजस्थान का सबसे बड़ा वन्य जीव अभयारण्य है।
  • प्रसिद्ध- गोडावन (राष्ट्रीय पक्षी)
  • इसे आकल काष्ठ  जीवाश्म पार्क भी कहा जाता है ।

दर्रा अभयारण्य - कोटा व झालावाड़ 

  • स्थापना- 1955
  • प्रसिद्ध- गागरोनी तोता

तालछापर वन्यजीव अभयारण्य - चुरू

  • स्थापना-1962
  • प्रसिद्ध- काले हरिण या कृष्ण मृग एवं कुरजां पक्षी के लिए
  • यहाँ पर वन्यजीव प्रबंधन एवं रेगिस्तान परितंत्र प्रशिक्षण कैन्द्र की स्थापना की।

सीतामाता अभयारण्य - प्रतापगढ़ 

  • स्थापना- 1979
  • प्रसिद्ध- उडन गिलहरी के लिए 
  • इसे चीतल कि मातृभूमि भी कहा जाता है।

राष्ट्रीय चम्बल घडियाल अभयारण्य 

  • स्थापना- 1979
  • 5 जिलो मे स्थित- कोटा, बुंदी, सवाई माधोपुर, करौली व धौलपुर 
  • प्रसिद्ध- घडियालो एवं गंगा कि डाॅलफिन के लिए 

जयसमन्द वन्य जीव अभयारण्य- उदयपुर 

  • यह जयसमन्द झील के पास स्थित है।
  • प्रसिद्ध - बघेरा के लिए 

फुलवारी कि नाल -  उदयपुर 

सज्जनगढ वन्य जीव अभयारण्य - उदयपुर 

  • यह राजस्थान का दुसरा सबसे छोटा वन्य जीव अभयारण्य है।

माउण्ट आबू- सिरोही

  • प्रसिद्ध- जंगली मुर्गे के लिए 
  • वनस्पति  - डिकिल्पटेला आबु एल्सिस

कुँभलगढ अभयारण्य 

  • यह अभयारण्य उदयपुर, राजसमंद व पाली तीन जिलों मे फैला हुआ है।
  • प्रसिद्ध- भेडिया के लिए 

शेरगढ अभयारण्य- बांरा

  • प्रसिद्ध- सांपो के लिए 
  • इसे सांपो कि शरणस्थली कहा जाता है।
  • यह परवन नदी के किनारे स्थित है।

कैलादेवी अभयारण्य - करौली 

  • यह क्षेत्र धौक वन क्षेत्र है।
  • यह राजस्थान का 5 वाँ टाइगर रिजर्व बनना प्रस्तावित है।

नाहरगढ अभयारण्य - जयपुर 

  • राजस्थान का प्रथम जैविक उद्यान है।

सवाई मानसिंह अभयारण्य- सवाई माधोपुर 

जवाहर सागर अभयारण्य 

  • यह कोटा, बुंदी एवं चित्तौड़गढ़ में स्थित है।
  • प्रसिद्ध- घडियाल 

टोडगढ रावली अभयारण्य 

  • यह अभयारण्य अजमेर, पाली एवं राजसमन्द तीन जिलों में स्थित है।

बंध बरेठा - भरतपुर

जमवारामगढ - जयपुर 

बस्ती- चित्तौड़गढ़ 

भैसरोडगढ़ - चित्तौड़गढ़

वन विहार, रामसागर व केसरबाग

  • यह तीनों वन्य जीव अभयारण्य धौलपुर में स्थित है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर कुरजा पक्षी के संरक्षण एवं संवर्धन पर अनुसंधान करेगा।

नाहरगढ बायोलोजिकल पार्क- जयपुर 
माचिया बायोलोजिकल पार्क - जोधपुर 
सज्जनगढ बायोलोजिकल पार्क - उदयपुर
अभेडा बायोजिकल पार्क - कोटा 
गोडावन संरक्षण हेतु कैप्टिव ब्रिडींग सेन्टर - सोरसन (बाराँ)


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