". भारत का अपवाह तंत्र ~ Rajasthan Preparation

भारत का अपवाह तंत्र


भारत का अपवाह तंत्र

  • अपवाह तंत्र को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है।

हिमालय अपवाह तंत्र 

  • इसे तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है।

1) सिंधु नदी तंत्र 

सिंधु नदी

  • उद्गम स्थल- बोखर चू (तिब्बत)/कैलाश पर्वत/मानसरोवर झील
  • भारत में प्रवेश- दमचौक (जम्मू कश्मीर)
  • भारत मे बहाव क्षेत्र- जम्मू कश्मीर 
  • पाकिस्तान में प्रवेश - चिल्लास
  • कराची शहर इसी नदी के किनारे स्थित है।
  • कराची के बाद यह अरब सागर मे गिरती है।
  • कुल लंबाई- 2880 किमी
  • भारत मे लंबाई- 1114 किमी
  • जम्मू कश्मीर में इस नदी द्वारा पुंजी नामी स्थान पर 5181मी गहरे गार्ज का निर्माण किया जाता है जिसे सिंधु नदी गार्ज कहा जाता है यह विश्व का सबसे गहरा नदी गार्ज है।
  • मोहनजोदड़ो सभ्यता स्थल सिंधु नदी के किनारे स्थित है।

सिंधु नदी घाटी समझौता - 1960

  • इसके अंतर्गत दो समझौते हुए।
  1. सिंधु, झेलम एवं चिनाब नदी का 80% जल पर पाकिस्तान एवं 20% जल पर भारत का अधिकार होगा।
  2. रावी, सतलज एवं व्यास नदी के 20% एवं 80% जल पर भारत का अधिकार होगा।

सिंधु की सहायक नदी

चिनाब

  • चन्द्रा व भागा नदियो के मिलन स्थल पर दण्डी हिमाचल प्रदेश मे चिनाब नदी का निर्माण होता है।
  • प्राचीन नाम- अश्किनी
  • मिठानकोट (पाकिस्तान) मे यह सिंधु नदी मे मिल जाती है।
  • लम्बाई - 1180 किमी

इस पर तीन परियोजना विकसित है।

  1. सलाल परियोजना (जम्मू कश्मीर)
  2. बगलीहर परियोजना (जम्मू कश्मीर)
  3. दुलहस्ती परियोजना (जम्मू कश्मीर)

चिनाब की सहायक नदियां

  • झेलम नदी 
  • प्राचीन नाम- वितस्ता नदी।
  • उद्गम- शेषनाग झील (जम्मू कश्मीर)
  • श्रीनगर इसी नदी के किनारे स्थित है।
  • इसी नदी द्वारा जम्मू कश्मीर में वूलर झील का निर्माण किया जाता है।
  • विलय - झुंग(पाकिस्तान) मे  चिनाब नदी मे।
  • इस पर विकसित परियोजना 
  • उरी
  • तुलबुल (जम्मू कश्मीर)
  • सहायक नदी - किशनगंगा - पाकिस्तान में इसे नीलम नदी कहा जाता है इस पर किशनगंगा परियोजना विकसित है।
  • रावी नदी
  • प्राचीन नाम- परूष्णी नदी
  • दसराज युद्ध इसी नदी के किनारे लडा गया।
  • उद्गम - हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के निकट से।
  • हडप्पा सभ्यता स्थल रावी नदी के किनारे स्थित है।
  • विलय - चिनाब
  • इस पर विकसित परियोजना 
  • थीन -  हिमाचल प्रदेश 
  • चमेरा - हिमाचल प्रदेश - यह हिमाचल प्रदेश व पंजाब की संयुक्त परियोजना है।
  • सतलज नदी
  • उद्गम- राकस्तान झील (तिब्बत)
  • विलय - चिनाब नदी
  • शिपकिला दर्रे से यह भारत मे प्रवेश करती है।
  • इस पर विकसित परियोजनाए
  • भाखडा नांगल परियोजना 
  • नाथपा झाकरी परियोजना 
  • इंदिरा गांधी नहर परियोजना - सतलज व व्यास नदी के संगम पर।
  • इसकी सहायक नदी - व्यास
  • व्यास नदी 
  • यह सतलज की सहायक नदी है।
  • उद्गम - व्यास कुंड (हिमाचल प्रदेश)
  • प्राचीन नाम- विपासा नदी
  • इस पर पोंग परियोजना विकसित है।
  • सिंधु सागर का मैदान - सिंधु, झेलम व चिनाब के मध्य का त्रिआब क्षेत्र सिंधु सागर का मैदान कहलाता है।
  • पंजाब का मैदान - झेलम, चिनाब,रावी, व्यास एवं सतलज नदियो को पंचनद कहा जाता है एवं इनके द्वारा निर्मित मैदान को पंचनद कहा जाता है।
  • छाज - झेलम व चिनाब के मध्य का मैदान छाज दोआब क्षेत्र कहलाता है।
  • रचना - चिनाब व रावी नदी के बीच का मैदान रचना कहलाता है।
  • बारी - व्यास व रावी नदी के बीच के मैदान को बारी कहा जाता है।
  • बिस्ट - सतलज व्यास दोआब क्षेत्र बिस्ट कहलाता है। 

गंगा नदी तंत्र 

गंगा नदी 

  • उद्गम - देवप्रयाग (उत्तराखंड)
  • प्रवाह क्षेत्र- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल।
  • यह भारत की सबसे लंबी नदी है।

गंगा नदी का उद्गम

  • सर्वप्रथम उत्तरकाशी, उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर से एक नदी निकलती है गोमुख उत्तराखंड तक इसे जानवी नदी कहा जाता है, गौमुख के बाद मे इसे भागीरथी कहा जाता है।
  • गोविन्द प्रयाग नामक स्थान पर भागीरथी नदी मे भीलांगना नदी का विलय होता है, इनके संगम पर टिहरी बांध निर्मित है, 1973 के चिपको आंदोलन का संबंध इसी बांध से है।
  • सतोपंथ गलेशियर से विष्णु गंगा नदी निकलती है एवं मिलाम गलेशियर से धोली गंगा नदी निकलती है, यह दोनो विष्णु प्रयाग नामक स्थान पर मिलकर अलकनंदा नदी का विकास करती है।, बद्रीनाथ अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है।
  • नंद प्रयाग में नंदकी नदी गंगा नदी मे मिलती है।
  • कर्ण प्रयाग मे पिण्डार नदी अलकनंदा नदी मे मिलती है।
  • रूद्र प्रयाग मे मंदाकिनी नदी अलकनंदा नदी मे मिलती है।, केदारनाथ मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है।
  • देवप्रयाग नामक स्थान पर भागीरथी व अलकनंदा नदी मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है।
  • गंगा नदी हरिद्धार से मैदानी भाग मे प्रवेश करती है।

सहायक नदियाँ

बांयी ओर से मिलने वाली नदियाँ

  • रामगंगा नदी 
  • उद्गम- नैनीताल (हिमाचल प्रदेश)
  • यह गंगा मे सबसे पहले मिलने वाली सहायक नदी है।
  • विलय- कन्नौज मे गंगा नदी मे।
  • गोमती नदी
  • जौनपुर व लखनऊ इसी नदी के किनारे स्थित है।
  • यह वाराणसी मे गंगा मे मिलती है।
  • घाघरा नदी
  • इसे नेपाल मे करनाली नदी कहा जाता है।
  • गण्डक नदी
  • भारत का सबसे बडा पशु मेला सोनपुर पशु मेला बिहार में इसी नदी के किनारे लगता है।
  • कोसी नदी
  • यह तिब्बत से निकलती है।
  • प्रारंभ मे इसे वरूण नदी कहा जाता है।
  • बिहार मे इस नदी से अधिकाशतः बाढ आती है इसलिए इसे बिहार का शोक कहा जाता है।
  • महानंदा नदी

दायीं ओर से मिलने वाली नदियाँ

  • यमुना नदी 
  • उद्गम- यमनौत्री गलेशियर, उत्तरकाशी (उत्तराखंड)
  • यह गंगा की सबसे लंबी सहायक नदी है।
  • लंबाई - 1365 किमी
  • इलाहाबाद मे यह गंगा मे मिल जाती है।
  • यमुना की सहायता नदियाँ - चम्बल नदी, सिंध नदी, बेतवा नदी, केन नदी
  • यमुना नदी के किनारे स्थित शहर - कुरुक्षेत्र, दिल्ली, मथुरा, आगरा, इटावा
  • टोंस नदी
  • सोन नदी
  • इस नदी पर माताटिला परियोजना स्थित है यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं बिहार की संयुक्त परियोजना है।
  • सान की सहायक नदी रिहन्द नदी पर रिहन्द परियोजना विकसित है।
  • हुगली नदी 
  • पश्चिम बंगाल मे गंगा नदी दो भागों में विभक्त हो जाती है, इससे अलग होकर जो धारा निकलती है उसे वितरिका (हुगली नदी) कहा जाता है।
  • गंगा के विभक्त होने वाले स्थल पर फरक्का परियोजना का विकास किया गया है
  • कलकत्ता इसी नदी के किनारे स्थित है। 
  • हुगली की सहायक नदी 
  • दामोदर नदी 
  • उद्गम- छोटा नागपुर का पठार, झारखंड 
  • यह हुगली की सहायक नदी है, इसे बंगाल का शोक भी कहा जाता है।
  • इस पर दामोदर नदी घाटी परियोजना का विकास किया गया है, यह स्वतंत्र भारत की पहली नदी घाटी परियोजना थी। 
  • इसके बाद गंगा को फिर से भागीरथी कहा जाता है।
  • बांग्लादेश मे इसे पद्मा कहा जाता है।
  • पद्मा एवं हुगली नदी के बीच का क्षेत्र सुंदरवन डेल्टा कहलाता है यह ज्वारीय वन/मैन्ग्रोव वनस्पति/सुंदरी वृक्ष हेतु प्रसिद्ध है, यह विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है, मैन्ग्रोव वनस्पति को पृथ्वी का गुर्दा/किडनी कहा जाता है।
  • बांग्लादेश मे इसमे ब्रह्मपुत्र एवं मेघना नदियाँ मिलती है इसके बाद इसे मेघना कहा जाता है, अंत मे यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

गंगा नदी के किनारे स्थित स्थल

  • उत्तराखंड- ऋषिकेश, हरिद्वार 
  • उत्तर प्रदेश- बिजनौर, इलाहाबाद, वाराणसी, कन्नौज(कान्यकुब्ज) कानपुर 
  • बिहार - बक्सर, पटना, भागलपुर

ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र

ब्रह्मपुत्र नदी 

  • अपवाह क्षेत्र कि दृष्टि से यह भारत की सबसे लंबी नदी है।
  • उद्गम- चेमयुंगडंग ग्लेशियर, चीन
  • तिब्बत में इसे सांगपो कहा जाता है।
  • भारत में प्रवेश- अरूणाचल प्रदेश 
  • अरूणाचल प्रदेश मे इसे सियांग/देहांत के नाम से जाना जाता है।
  • अरूणाचल प्रदेश मे इसमे देबांग एवं लोहित नदी मिलती है।
  • असम मे इसे ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है।
  • असम मे इसमे माजुली द्वीप स्थित है यह विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।
  • असम मे यह गोखरू झीलो का निर्माण करती है।
  • बांग्लादेश मे इसमे सिक्किम से निकलने वाली तिस्ता नदी मिलती है, इसके बाद इसे बांगलादेश में जमुना कहा जाता है।, तिस्ता परियोजना पश्चिमी बंगाल में तिस्ता नदी पर स्थित है।
  • मानस नदी जो की असम मे बहती है इसकी सहायकनदी है, मानस नदी के किनारे मानस वन्य जीव अभयारण्य स्थित है। 
  • इसके बाद यह गंगा मे मिल जाती है।

प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र

  • इसे दो भागों में वर्गीकृत किया गया है।

अरब सागरीय नदी तंत्र 

नर्मदा नदी

  • उद्गम- अमरकंटक की पहाड़ियाँ 
  • यह विंद्याचल पर्वत एवं सतपुड़ा पर्वत के बीच की भ्रंश घाटी/रिफ्ट वैली मे बहती है।
  • प्रवाह क्षेत्र- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र  व गुजरात 

मध्यप्रदेश में जबलपुर मे यह दो जलप्रपात का निर्माण करती है।

  1. कपिलधारा /धुआधर
  2. कंदरा
  • इस पर गुजरात मे सरदार सरोवर परियोजना का विकास किया गया है, इससे निकलने वाली नर्मदा नहर राजस्थान के जालौर व बाडमेर मे सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराती है यह राजस्थान की एकमात्र फव्वारा पद्दति पर आधारित सिंचाई परियोजना है।
  • महाराष्ट्र मे इस पर नर्मदा सागर बांध बना हुआ है।
  • यह खंभात की खाड़ी मे गिरती है।

ताप्ति नदी

  • उद्गम- बैतुल (मध्य प्रदेश)
  • यह सतपुडा एवं अजन्ता की पहाड़ियों के बीच की भ्रंश घाटी में बहती है।
  • सुरत इसी नदी के किनारे स्थित है।
  • गुजरात मे इस पर उकाई परियोजना विकसित है।
  • गुजरात मे ऐस पर काकराबांध परियोजना भी विकसित है।

शरावती नदी

  • उद्गम - शिमोगा (कर्नाटक)
  • कर्नाटक में इसके द्वारा जोग/गरसोप्पा/महात्मा गांधी जलप्रपात का निर्माण किया जाता है, यह भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात है।

भारतपुझा नदी

  • उद्गम- अन्नामलाई की पहाड़ियाँ

पेरियार

  • उद्गम- अन्नामलाई की पहाड़ियाँ 
  • इस पर केरल मे पेरियार परियोजना विकसित है।

माही

लुणी

भादर

सतरंजी

काली

वैतरणी

बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र 

गोदावरी

  • उद्गम- त्रियंबक की पहाड़िया, महाराष्ट्र 
  • प्रवाह क्षेत्र- महाराष्ट्र, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश 
  • कुल लंबाई- 1665 कीमी।
  • यह प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है।
  • इसे दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है।
  • यह सबसे पुरानी नदी है इसलिए इसे बुढी गंगा/वृहद गंगा भी कहा जाता है।
  • यह तेलंगाना के पठार को दो भागों में विभाजित करती है।
  • नासिक शहर इसी नदी के किनारे स्थित है।

गोदावरी नदी पर परियोजनाएं 

  • रामगुण्डम परियोजना (आंध्रप्रदेश)
  • पोचमपाद परियोजना (आंध्रप्रदेश)

गोदावरी की सहायक नदियाँ

  • मंजारा - यह एकमात्र सहायक नदी है जो दायी ओर से मिलती है।
  • दुधना
  • पुर्णा /प्रवरा - दैमाबाद सिधु सभ्यता स्थल इसी के किनारे स्थित है, इस पर निजाम सागर परियोजना विकसित है।
  • प्राणहिता, पेनगंगा, इंद्रावती

कृष्णा नदी

  • उद्गम- महाबलेश्वर (महाराष्ट्र)
  • लंबाई-1400 किमी
  • यह प्रायद्वीपीय भारत की दुसरी सबसे लंबी नदी है।
  • प्रवाह क्षेत्र- महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश 

कृष्णा नदी पय परियोजनाए

  • अलमाटी परियोजना-कर्नाटक 
  • नागार्जुन सागर परियोजना- आंध्रप्रदेश 
  • श्री सैलम - आंध्रप्रदेश 

कृष्णा नदी की सहायक नदियाँ 

  • भीमा नदी 
  • कोयना नदी 
  • मुसी नदी - हैदराबाद शहर मुसी नदी के किनारे स्थित है।
  • थाट प्रभा, माल प्रभा, तुंगभद्रा

कावेरी नदी 

  • उद्गम - ब्रह्मगिरी की पहाड़ियाँ (कर्नाटक)
  • प्रारंभ मे यह तीन शाखाओ मे बहती है, श्रीरंगपट्टनम एवं श्रीरंगा द्वीप इसी मे स्थित है।
  • यह दक्षिण की सबसे पवित्र नदी है इसलिए इसे दक्षिणी गंगा कहा जाता है।
  • यह दक्षिण पश्चिम एवं उत्तर पूर्व दोनो मानसूनो से वर्षा जल प्राप्त करती है।
  • कुल लंबाई- 825 किमी
  • तमिलनाडु में इस नदी पर शिवसमुद्रम जलप्रपात स्थित है।

कावेरी नदी पर परियोजनाएं

  • शिवसमुद्रम (तमिलनाडु) - यह भारत की सबसे प्राचीनतम नदी घाटी परियोजना है।
  • मैटूर (तमिलनाडु)

महानदी

  • उद्गम- मैकाले की पहाडी (छत्तीसगढ़)
  • प्रवाह क्षेत्र - छत्तीसगढ़ व उडीसा 
  • इस पर उडीसा मे हीराकुंड बांध बना हुआ है यह भारत का सबसे लंबा (4.8किमी) बांध है।
  • कटक शहर जो की सुभाषचंद्र बोस की जन्मस्थली है इसी नदी के किनारे स्थित है।
  • महानदी द्वारा उडीसा मे निर्मित मैदान उत्कल का मैदान कहलाता है।
  • सहायक नदियाँ - जोक, तेल, हंसमुख, शिवनाथ

स्वर्णरेखा

ब्राह्मणी

पेन्नार

  • उद्गम- नंदीगढ की पहाडी, कर्नाटक 
  • प्रवाह क्षेत्र - कर्नाटक, आंध्रप्रदेश 

पलार

  • उद्गम- नंदीगढ की पहाडी, कर्नाटक 
  • प्रवाह क्षेत्र - कर्नाटक, आंध्रप्रदेश 

वैंगई

  • उद्गम- वारशानंद की पहाडी, तमिलनाडु 
  • मदुरै शहर इसी नदी के किनारे स्थित है।

ताम्रपर्णी नदी

  • इस पर तमिलनाडु में पापनाशम परियोजना विकसित है।

स्वर्ण रेखा नदी 

  • उद्गम- राची का पठार (झारखंड)
  • प्रवाह क्षेत्र- झारखंड, उडीसा 
  •  TISCO इसी नदी के किनारे स्थित है।

ब्राह्मणी नदी

  • उद्गम- छोटा नागपुर का पठार (झारखंड)


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