भारत की कृषि
- भारत एक कृषि प्रधान देश है।
- भारत की 54.6% जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है।
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद मे कृषि का योगदान 17.5% है।
- भारत का 52% कृषि क्षेत्र वर्षा पर निर्भर करता है।
- भारत मे 64% सिचाई कुओ एवं नलकूपों से होती है।
- कुओ/नलकूपों से सर्वाधिक सिंचाई- उत्तर प्रदेश
- नहरो से सर्वाधिक सिंचाई- उत्तर प्रदेश
- तालाबो से सर्वाधिक सिंचाई- आंध्रप्रदेश
भारत की कृषि एवं फसले |
कृषि के प्रकार
- मुख्यतः कृषि के दो प्रकार होते हैं।
निर्वाह कृषि
- निर्वाह कृषि का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना ना होकर परिवार का भरण पोषण करना होता है।
- निर्वाह कृषि के दो प्रकार होते हैं।
- गहन कृषि -अधिक जनसंख्या वाले देशों में गहन कृषि की जाती है क्योंकि गहन कृषि के अंतर्गत सुक्ष्म क्षेत्र में कृषि की जाती है इसमें तकनीकी का प्रयोग भी कम होता है।
- आदिम कृषि - जनजातीय लोगों द्वारा परंपरागत रूप से की जाने वाली कृषि को आदिम कृषि कहा जाता है
- आदिम कृषि के दो प्रकार होते हैं।
- 1)स्थानान्तरित कृषि
- बार बार कृषि करने के बाद उस भुमि की उत्पादन क्षमता कम होने पर किसी अन्य स्थान पर कृषि करना स्थानांतरित कृषि कहलाता है।
- इसे कर्तन एवं दहन कृषि भी कहा जाता है।
- 2) चलवासी कृषि
- चलवासी कृषि के अंतर्गत लोग पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर गमन करते हैं तो वह कृषि चलवासी कृषि कहलाती है।
- मुख्यतः यह शुष्क एवं अर्दशुष्क जलवायु प्रदेश में की जाती है।
वाणिज्यिक कृषि
- वह किसी जिसका मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लाभ कमाना होता है वाणिज्यिक कृषि कहलाती है।
- वाणिज्यिक कृषि के तीन प्रकार है।
- अनाज कृषि
- रोपण कृषि
- मिश्रित कृषि
फसलो के प्रकार
1) रबी
- बुवाई- अक्टूबर, नवम्बर
- कटाई- मार्च, अप्रैल
- प्रमुख फसले - गेहूँ, जौ, राई, सरसो, जीरा,ईसबगोल, मैथी, धनिया, मटर, मसुर, सूरजमुखी
2) खरीफ
- बुवाई - जुन, जुलाई
- कटाई- सितम्बर, अक्टूबर
- प्रमुख फसले- बाजरा, मक्का, सोयाबीन, मूंग मोठ, तिल, ग्वार, ज्वार, चावल, कपास, जुट व गन्ना आदी
3) जायद
- बुवाई - मध्य अप्रैल
- कटाई- मध्य जुन
- प्रमुख फसले - तरबूज, ककडी, हरी सब्जियां, खरबुजा आदी
फसल व उपयोगी मृदा
- चावल - जलोढ मृदा
- कपास - काली मृदा/रेगुर
- मक्का व तम्बाकू - लाल-पीली मृदा
- गेहू व सरसो - गेहूँ व पुरानी जलोढ मृदा
- चाय, काॅफी व रबर - लैटराइट मृदा
- गन्ना - जलोढ मृदा
प्रमुख फसले
चावल
- चावल उत्पादन मैं भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है निर्यात की दृष्टि से भारत प्रथम स्थान पर है।
- भारत में सर्वाधिक चावल का उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है।
- छतीसगढ़ को चावल का कटोरा कहा जाता है।
- (धंजावुर) कर्नाटक दक्षिण भारत का चावल का कटोरा कहा जाता है।
गेहूँ
- गेहूं के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का भारत में प्रथम स्थान है।
- यह शीतोष्ण जलवायु की फसल है।
- मैक्सिकन, सोना, सुजाता,लाल बहादुर आदि गेहूं की प्रमुख किस्मे है।
मक्का
- मक्का उत्पादन में आंध्र प्रदेश का भारत में प्रथम स्थान है।
बाजरा
- बाजरा उत्पादन में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है।
- राजस्थान बाजरा उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान पर है।
जौ
- जौ का उत्पादन महाराष्ट्र में सर्वाधिक होता है।
चना
- चना उत्पादन में मध्य प्रदेश का भारत में प्रथम स्थान है।
- चना उत्पादन में राजस्थान का भारत में दूसरा स्थान है।
सरसो
- भारत में सरसों का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है।
मुंगफली
- भारत में गुजरात सर्वाधिक मूंगफली का उत्पादन करता है।
कपास
- काली मृदा कपास के उत्पादन के लिए उपयोगी है।
- भारत में कपास का सर्वाधिक उत्पादन महाराष्ट्र में होता है।
- भारत कपास उत्पादन में चीन से बाद दूसरे स्थान पर है।
चाय
- चाय का भारत में सर्वाधिक उत्पादन असम में होता है।
काॅफी
- भारत में सर्वाधिक कॉफी का उत्पादन कर्नाटक में होता है।
- तमिलनाडु के न्यू मंगलौर बंदरगाह को काॅफी बंदरगाह कहा जाता है।
जूट
- जुट को सुनहरा रेशा या गोल्डन फाइबर कहा जाता है।
- भारत में जूट का सर्वाधिक उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है।
मसाले
- मसालों का सर्वाधिक उत्पादन केरल में होता है।
- केरल का कोच्चि बंदरगाह मसाला बंदरगाह कहलाता है।
हरित क्रांति (1966-67)
- हरित क्रांति शब्द सर्वप्रथम विलियम गैड ने दिया।
- विश्व में हरित क्रांति का जनक नॉर्मन बोरलॉग को माना जाता है।
- भारत में हरित क्रांति का जनक एमएस स्वामीनाथन को माना जाता है।
श्वेत क्रांति
- श्वेत क्रांति का जनक वर्गीज कुरियन को कहा जाता है।
NOTE
अमृत कांति
- अमृत क्रांति का संबंध नदी जोड़ो परियोजना से है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
5 वे राजस्थान डिजिफेस्ट 2022 मे भारत के पहले कृषि ड्रोन विसरोन का प्रदर्शन किया गया।
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