". भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ~ Rajasthan Preparation

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम


भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम 

अंतरिक्ष - अंतरिक्ष का निर्धारण कारमन रेखा से होता है समुद्र तल से लगभग 100 km उपर कारमन रेखा है इससे उपर के क्षेत्र को अंतरिक्ष कहा जाता है।

  • भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का गठन 1962 मे हुआ।
  • भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक - डाॅ विक्रम साराभाई 
  • ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) कि स्थापना- 15 अगस्त 1969
  • अतरिक्ष आयोग या अंतरिक्ष विभाग का गठन - 1972
  • 19 अप्रैल 1975 को भारत का पहला कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट लाॅन्च हुआ।
Rajasthan preparation


ISRO (Indian Setellite Research Organisation) 

  • स्थापना - 15 अगस्त 1969
  • मुख्यालय- बंगलूरू
  • इसरो के प्रथम अध्यक्ष- विक्रय साराभाई (1963-72)
  • इसरो के सर्वाधिक कार्यकाल तक रहने वाले अध्यक्ष - सतीश धवन (1972-84)
  • इसरो के वर्तमान अध्यक्ष - डाॅ एस. सोमनाथ 

प्रमुख अंतरिक्ष केंद्र

  • विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र - तिरुवनंतपुरम (केरल)
  • सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र - श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)
  • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र - अहमदाबाद 
  • राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र- हैदराबाद
  • एन्ट्रीक्स - हैदराबाद 

पृथ्वी कि कक्षाएं

निम्न भू- कक्षा 

  • पृथ्वी के 200Km  ऊपर से 2000Km तक कि ऊंचाई निम्न भू कक्षा कहा जाता है।
  • इसे ध्रुवीय कक्षा भी कहा जाता है।

मध्य भू- कक्षा

  • पृथ्वी के 2000Km  ऊपर से 35786Km तक कि ऊंचाई मध्य भू - कक्षा कहा जाता है।

भू - स्थैतिक कक्षा

  • पृथ्वी के 35786Km से अधिक ऊंचाई को  भू-स्थैतिक कक्षा कहा जाता है।

PSLV

  • (Pollar setellite launching vehicle ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान)
  • निम्न भू कक्षा में PSLV यान प्रक्षेपित किया जाता है।
  • PSLV प्रक्षेपण का पहला प्रयास 1993 मे विफल हो गया इसके अंतर्गत PSLV D-1 यान प्रक्षेपित किया गया था।
  • PSLV प्रक्षेपण का पहला सफल प्रयास 1994 मे हुआ इसके अंतर्गत PSLV D-2 यान प्रक्षेपित किया गया था।
  • PSLV को वर्क हाउस ऑफ इसरो खिताब से सम्मानित किया गया।

GSLV 

  • Geo synchronous launching vehicle 
  • अधिक वजनी उपग्रह को अधिक ऊंचाई पर भेजने के लिए GSLV का प्रयोग किया जाता है।
  • समस्त संचार उपग्रह GSLV से प्रक्षेपित किए जाते हैं।
  • 2014  मे पहला GSLV सफल प्रशिक्षण हुआ है इसके अंतर्गत GSAT उपग्रह  

भारत के प्रमुख अंतरिक्ष अभियान 

चन्द्रयान - 1

  • प्रक्षेपित- 22 अक्टूबर 2008
  • इसे सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था।
  • प्रक्षेपण यान - PSLV -C-11
  • इसके साथ ही भारत चन्द्रमा कि कक्षा में पहुँचने वाला छठा देश बन गया है।
  • विश्व का प्रथम चन्द्रमा मिशन - लूना-2( सोवियत संघ रूस,1959)
  • अपोलो ll - यह चन्द्रमा पर विश्व का दुसरा अहियान था इस यान का प्रक्षेपण अमेरिका ने किया इस अभियान से नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर अपना पहला कदम रखा।

चन्द्रयान - 2

  • प्रक्षेपित- 22 जुलाई 2019
  • प्रक्षेपण यान - GSLV- MK III MI (बाहुबली)
  • मंगलयान 
  • इसे MOM(Mars orbitor mission) भी कहा जाता है।
  • प्रक्षेपित- 05 नवम्बर 2013
  • इसके बाद भारत मंगल ग्रह की कक्षा में पहुँचने वाला चौथा राष्ट्र बन गया।
  • प्रक्षेपण यान- PSLV-C-25
  • लक्ष्य - मंगल पर मिथेन गैस का मापन
  • मेरिनर 1- यह विश्व का मंगल पर पहला सफल प्रक्षेपण था।

मिशन शक्ति (ASAT)

  • प्रक्षेपण- 27 मार्च 2019
  • ASAT- एंटीसैटेलाइट मिशन
  • प्रक्षेपण - APJ अब्दुल कलाम द्वीप (ओडिसा)
  • यह भारत कि पहली सफल एंटीसैटेलाइट मिशन थी।
  • इसके साथ ही भारत एंटीसैटेलाइट लाॅन्च करने वाला चौथा राष्ट्र बन गया।

आदित्य L-1

  • प्रक्षेपण-2019
  •  लक्ष्य- सूर्य के प्रभावमण्डल एवं सौर लपटो कि जानकारी प्राप्त करना।

PSLV C-37

  • प्रक्षेपण- 2017
  • इसके द्वारा भारत ने कुल 104 उपग्रह अंतरिक्ष में एकसाथ भेजने का रिकॉर्ड बनाया।

एस्ट्रोसेट

  • यह भारत कि पहली वैद्यशाला है।
  • प्रक्षेपण- 2015
  • इसे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया।
  • प्रक्षेपण यान - PSLV C-30

गगनयान

  • इसका प्रक्षेपण 2022 या 2023 मे होने कि संभावना है।
  • यह भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा।
  • प्रक्षेपण यान- GSLV-MARK-III (FAT BOY)
  • इसके साथ ही भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष यान लाॅन्च करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।

CARTOSAT-3

  • प्रक्षेपण यान- PSLV C-47
  • cartosat-3 के साथ ही अमेरिका के 13 Nano setellite  लाॅन्च किए।
  • लक्ष्य- संसाधनो को मैप करना

मंगलयान - 2

  • संभावना -2022-23

चन्द्रयान-3

  • संभावना-2024

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)

  • यह अंतरिक्ष में यात्रियों को रोकने के लिए बनाया गया है।
  • क्षमता - 6 यात्री 
  • यह 90 मिनट मे पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है।
  • आपातकालीन स्थिति में यात्री को वापस लाने के लिए सोयूज एयरक्राफ्ट रखा हुआ है।
महत्वपूर्ण तथ्य 

हाल ही मे मई 2022 मे भारत के प्रथम निजी राॅकेट विक्रम-1 के तीसरे चरण का सफल परीक्षण किया गया तीसरे चरण का नाम कलाम 100 रखा गया।

No comments:

Post a Comment

Comment us