राजस्थान की प्रमुख हवेलियाँ
ऐसा भवन जिसमे आकर्षण नक्काशी की जाती है उन्हे हवेलियाँ कहा जाता है।
100 हवेलियो का शहर - बीकानेर
राजस्थान मे सर्वाधिक हवेलियाँ शेखावटी क्षेत्र में है, शेखावटी की हवेलियां अपने भित्ति चित्रो हेतु प्रसिद्ध है।
हवेलियो का शहर - जैसलमेर
अधिकांश हवेलियो का निर्माण सेठो व साहुकारो ने 17-18सदी के मध्य करवाया।
हवेलियो से संबंधित शब्दावली-
1) गवाक्ष - हवेली के प्रवेश द्वार पर बने हुए चबूतरे गवाक्ष कहलाता है।
2) पोल - हवेली का प्रवेश द्वार
3) चौक - पोल के पीछे का खाली स्थान
4) तिबारा - हवेली मे चौक के पास निर्मित कमरे तिबारा कहलाते है।
राजस्थान कि प्रमुख हवेलियाँ निम्न प्रकार है।
जैसलमेर कि हवेलियाँ
पटवो कि हवेली- जैसलमेर
- निर्माण- सेठ गुमानचंद बापना
- यह 5 मंजिला हवेली है।
- इसका निर्माण हिन्दू, यहुदी व युरोपीय शैली में किया गया है।
- यह हवेली कोकटेल स्थापत्य कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
- इसे जैसलमेर का ह्रदय भी कहा जाता है।
सालिमसिंह कि हवेली-जैसलमेर
- निर्माण- 1815 मे जैसलमेर के प्रधानमंत्री सर सालिमसिंह ने इसका निर्माण करवाया।
- इसे सामोली हवेली एवं नौखंडी हवेली भी कहा जाता है।
- इसे जैसलमेर कि सबसे उँची इमारत कहा जाता है ।
नथमल कि हवेली- जैसलमेर
- निर्माण- इसका निर्माण 1881 से 1885 के बीच लालू व हाथी नामक दो भाईयो ने किया था।
- यह विश्व कि एकमात्र ऐसी हवेली है जिसपर किसी भी कलाकृति का दोहराव नहीं किया गया है।
- इसे साढे सात दिन कि हवेली भी कहा जाता है।
उदयपुर की हवेलियां
बागौर कि हवेली- उदयपुर
- विश्व कि सबसे बड़ी पगड़ी इसी हवेली में रखी गई है।
- 1886 से पश्चिमी सांस्कृतिक केन्द्र कि संचालन इसी हवेली में किया जाता है।
उदयपुर की अन्य हवेलिया - बाफला की हवेली, पिपलिया हवेली एवं मोहनसिंह की हवेली।
चित्तौड़गढ़ की हवेलिया
- सोढ़ों की हवेली, भामाशाह की हवेली एवं जयमल व फत्ता की हवेली
जोधपुर की हवेलियाँ
पुष्य हवेली - जोधपुर
- निर्माण- रघुनाथ जोशी/ भुरजी जोशी
- यह विश्व कि एकमात्र ऐसी हवेली है जिसका निर्माण एक ही नक्षत्र(पुष्य नक्षत्र) मे हुआ है।
आलोकिया हवेली - जोधपुर
- इसे साधु संतो कि हवेली भी कहा जाता है।
बीकानेर की हवेलिया
बच्छावतो की हवेली
- रामपुरिया हवेली, मोहता हवेली, मुंदडा हवेली, सेठीया की हवेली एवं गुलेच्छों की हवेली।
चुरू की हवेलियां
मालजी का कमरा - चुरू
- निर्माण- मालसिंह कोठारी ने
- इसे सौ कमरो का महल कहा जाता है
- दानचंद/दयानंद चौपडा कि हवेली- सुजानगढ(चुरू)
- यह राजस्थान मे दान हेतु प्रसिद्ध हवेली है।
चुरू की हवेलिया - मंत्रियो की मोटी हवेली, सुराणों की हवेलिया, रामविलास गोयनका की हवेली
झुंझुनु की हवेलिया
इसरदास मोदी की हवेली
- सौ से अधिक खिड़कियो के लिए प्रसिद्ध हवेली
नवलगढ - पोद्धार ओर भगोरियो की हवेलीयाँ, रूप निवास, भगत, जालान
बिसाऊ - नाथुलाल पोद्दार की हवेली, सेठ जयदयाल केडिया की हवेली, सिताराम सिंगतिया
ढुंढलोद- लालचन्द गोयनका
मुकुन्दगढ - सेठ राधाकृष्णन, केसरदेव कानेडियाँ,
चिडावा - बगडिया की हवेली,
महनसर - सोना चाँदी हवेली
मण्डावा हवेली, रामनाथ गोयनका की हवेली, भगतो की हवेली, बिड़ला हवेली, रामदेव चौखाणी हवेली
सीकर की हवेलिया
श्रीमाधोपुर - पंसारी की हवेली
लक्ष्मणगढ - चार चौक की हवेली, चेतराम की हवेली
रामगढ - ताराचंद रूइया की हवेली
फतहपुर - नंदलाल देवडा की हवेली
गौरीलाल बियाणी की हवेली, नई हवेली, बिनाणियो की हवेली
जयपुर की हवेलियाँ
नटणियो की हवेली, पुरोहित प्रतापनारायण की हवेली, रत्नाकर पुंडरिक भट्ट की हवेली,
अन्य महत्वपूर्ण हवेलियाँ
झालाओ कि हवेली - यह हवेली कोटा मे स्थित है, यह भित्ति चित्रो हेतु प्रसिद्ध है।
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