काल
काल किसे कहते है?
क्रिया के होने के समय का बोध कराना काल कहलाता है।
काल के भेद
काल के तीन भेद होते हैं।
1) वर्तमान काल
2) भूतकाल
3) भविष्य काल
वर्तमान काल
क्रिया के जिस रुप से कार्य के वर्तमान समय में होने का बोध हो उसे वर्तमान काल कहा जाता है।
वर्तमान काल के पांच प्रकार होते हैं।
सामान्य वर्तमान काल
कार्य का वह रूप जिसमें कार्य वर्तमान समय में होने का बोध हो सामान्य वर्तमान काल कहलाता है।
जैसे - राम अकबर पड़ता है।
अपूर्ण वर्तमान काल
क्रिया का वह रूप जिसमे वर्तमान समय में क्रिया के जारी रहने का बोध हो उसे पूर्ण वर्तमान काल कहा जाता है।
जैसे - राम पढ़ रहा है।
संदिग्ध वर्तमान काल
यदि सामान्य वर्तमान काल की क्रिया में संशय उत्पन्न होता है तो उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहा जाता है।
जैसे - राम अखबार पढ़ता होगा।
संभाव्य वर्तमान काल
यदि अपूर्ण वर्तमान काल कि क्रिया में संशय उत्पन्न होता है तो उसे संभाव्य वर्तमान काल कहा जाता है।
जैसे - राम अखबार पढ़ रहा होगा।
आज्ञार्थ वर्तमान काल
यदि वर्तमान काल की क्रिया के साथ आज्ञा या आदेश जोड़ दिया जाए तो वहां अज्ञार्थ वर्तमान काल कहलाता है।
जैसे - दरवाजा बंद कर दीजिए।
भूतकाल
क्रिया के जिस रुप से कार्य के बीते हुए समय में होने का बोध हो उसे भूतकाल कहा जाता है।
भूतकाल के छः भेद होते हैं
सामान्य भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिसमें कार्य के बीते हुए समय में होने का बोध तो हो लेकिन निश्चित समय का बोध ना हो तो उसे सामान्य भूतकाल कहा जाता है।
जैसे - राम गया।
राम ने अखबार पढ़ा।
आसन्न भूतकाल
क्रिया का वह रूप में कार्य के अभी-अभी पूर्ण होने का बोध हो उसे आसन्न भूतकाल कहा जाता है।
यदि सामान्य भूतकाल वाक्य में है/हैं का प्रयोग हुआ है तो उसे आसन्न भूतकाल में सम्मिलित किया जाता है।
जैसे - मोहन गया है।
पूर्ण भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिसमें कार्य के बहुत समय पहले पूर्ण होने का बोध हो उसे पूर्ण भूतकाल कहा जाता है।
जैसे - मोहन गया था।
अपूर्ण भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिसमें कार्य के भूतकाल में जारी रहने का बोध हो उसे अपूर्ण भूत काल कहा जाता है।
जैसे - राम अखबार पढ़ रहा था।
संदिग्ध भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिसमें कार्य के बीते हुए समय में पूर्ण होने में संशय उत्पन्न हो तो उसे संदिग्ध भूतकाल कहा जाता है।
जैसे - राम ने अखबार पढ़ा होगा।
हेतु हेतु मद भूतकाल
यदि भूतकाल की क्रिया के साथ कोई शर्त जोड़ दी जाए तो उसे हेतु हेतु मद भूतकाल कहा जाता है।
जैसे - यदि तुम पढ़ते तो पास हो जाते।
भविष्यत् काल
प्रिया का वह रूप जिससे आने वाले समय में कार्य के होने का बोध हो तो उसे भविष्यकाल कहा जाता है।
भविष्यत् काल के तीन प्रकार होते हैं।
1) सामान्य भविष्यत् काल
क्रिया का वह रूप जिसमें कार्य के सामान्य रूप से आने वाले समय मे होने का बोध हो उसे सामान्य भविष्य काल कहा जाता है।
जैसे - मोहन पर पढ़ेगा।
2) संभाव्य भविष्यत् काल
क्रिया का वह रूप जिससे कार्य के आने वाले में समय में होने की संभावना उत्पन्न हो तो उसे संभाव्य भविष्यत् काल कहा जाता है।
जैसे - शायद राम पड़ेगा।
3) आज्ञार्थ भविष्यत् काल
यदि भविष्य काल की क्रिया के साथ आज्ञा का आदेश जोड़ दिया जाए तो उसे आज्ञार्थ भविष्यत् काल कहा जाता है।
जैसे आप 9:00 बजे आइएगा।
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