". राजसमन्द जिला Gk ~ Rajasthan Preparation

राजसमन्द जिला Gk


राजसमन्द जिला Gk 

प्राचीन नाम - सिहाड
जिला मुख्यालय- कांकरोली
प्रतिशत के आधार पर सर्वाधिक व्यर्थ/बंजर भूमि वाला जिला राजसमंद है।
राजस्थान मे सडको का सर्वाधिक घनत्व राजसमन्द जिले मे है।
दमश्क खेती/ चेती गुलाब की सर्वाधिक खेती राजस्थान मे राजसमन्द जिले मे होती है।

राजसमन्द झील - कांकरोली (राजसमन्द)

निर्माण- महाराणा राजसिंह ने 1662-68 के बीच इस झील का निर्माण करवाया था।

राजप्रशस्ति - इस झील के किनारे 25 संगमरमर के पत्थरो पर शिलालेख लिखे हुए हैं, जिसे राज प्रशस्ति कहा जाता है। राजप्रशस्ति को संस्कृत भाषा में लिखा गया है, इसका लेखन रणछोड़ भट्ट तैलंग द्वारा किया गया, इस प्रशस्ति मे कुल 24 सर्ग एवं 1106 श्लोक है, इसके उत्तरी भाग को नौ चोकी पाल कहा जाता है।

घेवर माता का मन्दिर- इस झील के किनारे पर घेवर माता का मन्दिर बना हुआ है।

द्वारिकाधीश मन्दिर- इस झील के किनारे द्वारिकाधीश मन्दिर भी बना हुआ है।

पिपलात्री गाँव- इस गांव मे बेटी के जन्म पर 111 वृक्ष लगाए जाते है।

राजस्थान मे तारकशी के जेवर नाथद्वारा के प्रसिद्ध है।

मोलेला गाँव- टेराकोटा पद्दति/मृणमुर्तियो हेतु प्रसिद्ध।

अन्नकुट महोत्सव राजसमंद मे मनाया जाता है।

गुलाबी गणगौर नाथद्वारा की प्रसिद्ध है, यह चैत्र शुक्ल चतुर्थी को मनाई जाती है।

आमजा माता - भीलो की कुलदेवी

कुंभलगढ दुर्ग - राजसमन्द 

  • निर्माण - समप्रति मौर्य 
  • इस दुर्ग का आधुनिक निर्माता महाराणा कुंभा को कहा जाता है, कुंभा ने अपनी रानी कुंभलमेरू के लिए इस दुर्ग का निर्माण करवाया।
  • उपनाम - मेरूदण्ड, मेवाड महाराणाओ की शरणस्थली
  • श्रेणी - परिध
  • पहाडी - जरघा
  • कुल द्वार - 8
  • मुख्य प्रवेश द्वार- ओरठपोल
  • वास्तुकार- मण्डन
  • इसे मेवाड़ मारवाड़ सीमा का प्रहरी कहा जाता है।

कुंभलगढ़ दुर्ग मे स्थित प्रमुख महल

  • बादल महल - इस महल की जुनी कचहरी कक्ष में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ।
  • झाली रानी रा मालिया - इसे अटपटा महल भी कहा जाता है।

कुंभलगढ़ दुर्ग मे स्थित प्रमुख मंदिर

  • कुंभ स्वामी मंदिर 
  • नीलकण्ठ महादेव मंदिर 

कटारगढ

  • यह दूर्ग महाराणा कुंभा का निवास स्थल था।
  • इसे मेवाड़ की तीसरी आंख कहा जाता है।
  • अबुल फजल ने इस दुर्ग के संबंध में कहा है कि यह दूर्ग इतनी बुलंदी पर है की ऊपर देखने पर पगड़ी नीचे गिर जाती है।
  • मामाकुण्ड-इस कुंड के पास उदा ने राणा कुंभा की हत्या की।
  • उड़ना राजकुमार पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी कुंभलगढ़ दुर्ग में बनी हुई है।
  • इस दुर्ग के चारों ओर 36 किलोमीटर लंबी 8 मीटर चौड़ी दीवार बनी हुई है जिसे भारत की महान दीवार कहा जाता है।
बलीचा गाँव- यहाँ पर चेतक का समाधि स्थल है।
गिलुण्ड सभ्यता- राजसमन्द
मचींद के महल - राजसमंद
हल्दीघाटी- यहाँ पर 18 जुन 1576 को हल्दीघाटी का युद्ध लडा गया, कर्नल जेम्स टाॅड ने इस युद्ध को मेवाड का थर्मोपाॅली कहा है।

पिछवाई कला - राजसमन्द

  •  नाथद्वारा मे श्री कृष्ण की प्रतिमा के पीछे दीवारों पर लगाए जाने वाले कपड़ो पर श्री कृष्ण की लीलाओ का चित्रण पिछवाई कला कहलाता है। 
  • 2022 के गणतंत्र दिवस पर राजपथ, दिल्ली में इस कला का प्रदर्शन किया गया।

श्रीनाथजी मंदिर- राजसमंद 

  • इस मंदिर का निर्माण महाराणा राज सिंह ने 1772 में करवाया।
  • औरंगजेब के आक्रमण के कारण वृंदावन के पुजारी वृंदावन से इस मूर्ति को लेकर आए थे।
  • यह वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ है।
  • यहा पर 1 दिन मे 8 बार पूँजा की जाती है।
  • इसे सप्त ध्वजा मंदिर भी कहा जाता है।

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