करौली जिला
प्राचीन नाम- कल्याणपुर
1040 मे विजयपाल ने करौली मे यादव वंश की स्थापना की एशं बयाना को अपनी राजधानी बनाया।
स्थापना- अर्जुनपाल यादव ने 1348 मे करौली की स्थापना की एवं 1650 मे धर्मपाल द्वितीय ने करौली को अपनी राजधानी बनाया।
शुभंकर- घडियाल
1 मार्च 1997 को सवाई माधोपुर से अलग करके इसका गठन किया गया, 19 जुलाई 1997 को मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने इसका उद्घाटन किया गया।
उपनाम - डांग की रानी
करौली नगर भद्रावती नदी के किनारे स्थित है।
पांचना बांध
यह बांध करौली में भद्रावती, माची, अटा, बरखेडा व भैसावर नामक पांच नदियो के संगम पर स्थित है।
यह राजस्थान मे मिट्टी से बना हुआ एकमात्र बांध है।
यह बांध 1955 मे अमेरिका के सहयोग से बनाया गया।
इस बांध से भरतपुर, धौलपुर एवं करौली जिलो में जलापूर्ति की जाती है।
कैलादेवी- त्रिकुट पर्वत, करौली
- इनको वासुदेव और देवकी की पुत्री माना जाता है।
- उपनाम - अंजनी माता, योगमाया
- यह मंदिल कालीसिल नदी के किनारे स्थित है।
- यह यादव राजवंश की कुलदेवी है।
- इन्हें मीणा व गुर्जरों की आराध्य देवी माना जाता है।
- चैत्र शुक्ल अष्टमी को इनका मेला भरता है जिसे राजस्थान का लक्खी मेला कहा जाता है।
- इनके मेले में लांगुरिया व जोगणिया गीत गाए जाते हैं।
महावीर मंदिर - चांदन गाँव (करौली)
- इसे अहिंसा नगरी भी कहा जाता है।
- यहा की लठ्ठमार होली प्रसिद्ध है।
- इस मंदिर का निर्माण जयपुर के मंत्री अमरचंद ने करवाया।
- यह मंदिर गंभीर नदी के किनारे स्थित है।
मदनमोहन जी मंदिर- करौली
- यह गौडीय सम्प्रदाय का मंदिर है।
- गोपालपाल द्वारा इसकी मुर्ति वृंदावन से लाकर इस मंदिर का निर्माण करवाया।
अंजना माता का मंदिर
कबीर शाह की दरगाह
तिमनगढ दुर्ग
इसका निर्माण 1244 मे तिमनपाल द्वारा करवाया गया।
मंडरायल का किला
इसे ग्वालियर दुर्ग की कुँजी कहा जाता है।
ऊँटागिरी दुर्ग
गढमौरा का किला
इसे राजा मोरध्वज की नगरी कहा जाता है।
कैलादेवी अभयारण्य - करौली
- यह क्षेत्र धौक वन क्षेत्र है।
- यह राजस्थान का 5 वाँ टाइगर रिजर्व बनना प्रस्तावित है।
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