". भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन ~ Rajasthan Preparation

भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन


भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

  • दैनिक जीवन में हमारे आस पास बहुत से परिवर्तन होते हैं यह परिवर्तन दो प्रकार से होते हैं।

भौतिक परिवर्तन

  • वह परिवर्तन जिसमें पदार्थ के भौतिक गुणों में परिवर्तन हो जाता है किंतु के रासायनिक गुणों में कोई परिवर्तन नहीं होता उसे भौतिक परिवर्तन कहा जाता है।
  • यह परिवर्तन उत्क्रमणीय होता है इसे पुनः परिवर्तित किया जा सकता है।

भौतिक परिवर्तन के उदाहरण

  • कागज के टुकड़े करना
  • कांच का टूटना
  • शक्कर का पानी में गुलना
  • लोहे का चुंबक में बदलना
  • बल्ब व ट्यूब लाइट का जलना 
  • चौक के छोटे टुकड़े करना 
  • स्प्रिंग की आकृति में बदलाव

रासायनिक परिवर्तन

  • बहुत परिवर्तन जिसमें पदार्थ के भौतिक एवं रासायनिक दोनों दोनों में परिवर्तन होता है रासायनिक परिवर्तन कहलाता है।
  • यह परिवर्तन अनुत्क्रमणीय होता है  इसे पुनः परिवर्तित नहीं किया जा सकता।

रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण

  • कोयले का जलना
  • लोहे पर जंग लगना
  • दूध से दही बनना 
  • किण्वन द्वारा शराब का निर्माण 
  • पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण 
  • आटे से रोटियां बनाना 
  • पटाखों का विस्फोट होना 
  • श्वसन क्रिया 
  • पत्तियों से खाद बनाना
  • मोमबत्ती या अगरबत्ती का जलना 
  • सब्जी का पकना 
  • ध्वनि का उत्पन्न होना
  • रंग में परिवर्तन होना

रासायनिक अभिक्रियाएँ

ऑक्सीकरण अभिक्रिया

  • रासायनिक अभिक्रिया जिसमे पदार्थ ऑक्सीजन से सहयोग करता है या हाइड्रोजन का त्याग करता है तो उसे ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहा जाता है।
  • Mn सर्वाधिक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।

अपचयन अभिक्रिया

  • वह अभिक्रिया जिसमे हाइड्रोजन का संयोग होता है एवं ऑक्सीजन का त्याग होता है उसे अपचयन अभिक्रिया कहा जाता है।
  • एक अपचायक पदार्थ वह पदार्थ है जो इलेक्ट्रॉन दान कर सकता है।
  • F2 प्रबलतम अपचायक है।

रेडॉक्स अभिक्रिया

  • वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमे ऑक्सीकरण एवं अपचयन दोनों साथ साथ होते हैं रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है।

उत्प्रेरक

  • वह पदार्थ जो बहुत कम मात्रा में उपस्थित होने पर भी रासायनिक अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन कर देता है और उसमे स्वयं कोई रासायनिक परिवर्तन नहीं होता है प्रेरक कहलाता है।
  • उत्प्रेरक की प्रक्रिया उत्प्रेरण कहलाती है।
  • जीवो के शरीर में उपस्थित उत्प्रेरकों को एंजाइम कहते हैं।

उत्प्रेरकों के प्रकार

  • धनात्मक उत्प्रेरक- उत्प्रेरक जो अभिक्रिया की गति को बढ़ाता है धनात्मक उत्प्रेरक कहलाता है।
  • ऋणात्मक उत्प्रेरक - वह उत्प्रेरक जो अभिक्रिया की गति को कम करता है ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाता है।
  • स्व-उत्प्रेरक - जब रासायनिक अभिक्रिया का कोई उत्पाद ही अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित करता है तो उसे स्व-उत्प्रेरक कहा जाता है।
जैव उत्प्रेरक
  •  वह उत्प्रेरक जो जैव अभिक्रिया की गति को बढ़ाता है जैव उत्प्रेरक कहलाता है।
  • जैसे टायलिन एंजाइम स्टार्स को माल्टोज में परिवर्तित करता है।

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