राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक युद्ध
तराइन का प्रथम युद्ध - 1191
अजमेर व दिल्ली के चौहान सम्राट पृथ्वीराज तृतीय एवं मुहम्मद गौरी के मध्य यह युद्ध हुआ जिसमे पृथ्वीराज की विजय हुई।
तराइन का द्वितीय युद्ध - 1992
अजमेर व दिल्ली के चौहान सम्राट पृथ्वीराज तृतीय एवं मुहम्मद गौरी के मध्य यह युद्ध हुआ जिसमे मुहम्मद गौरी की विजय हुई।
रणथंभोर का युद्ध -1301
रणथंभौर शासक हम्मीरदेव चौहान एवं अलाउद्दीन खिलजी के मध्य युद्ध हुआ जिसमे अलाउद्दीन विजयी हुआ।
चित्तौड़ का युद्ध - 1303
मेवाड़ के शासक रत्नसिंह एवं अलाउद्दीन खिलजी के मध्य युद्ध हुआ जिसमे अलाउद्दीन खिलजी विजयी रहा।
इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ का शासन अपने पुत्र खिजरा खाँ को सौप दिया एवं चित्तौड़ का नाम खिज्राबाद रख दिया।
सिवाना का युद्ध - 1308
अलाउद्दीन खिलजी ने वीर सातलदेव चौहान की सेना को हराकर सिवाना दूर्ग पर कब्जा किया और उसका नाम खैराबाद रख दिया।
जालौर का युद्ध - 1311
अलाउद्दीन खिलजी ने सोनगरा चौहान शासक कान्हडदेव को पराजित किया।
सारंगपुर का युद्ध - 1437
मेवाड़ के महाराणा कुंभा ने मांडू के सुल्तान महमूद खिलजी को हराया।
इसी विजय के उपलक्ष मे कुंभा ने किर्ति स्तम्भ का निर्माण करवाया था।
खातोली का युद्ध- 1517
मेवाड़ के महाराजा सांगा(संग्राम सिंह) ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी को हराया।
गागरोन का युद्ध - 1519
राणा सांगा ने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी को हराकर बंदी बनाया।
बयाना का युद्ध - 1527
राणा सांगा ने बाबर की सेना को हराकर बयाना का कीला जीता।
खानवा का युद्ध -1527
मुगल बादशाह बाबर ने महाराणा सांगा को हराया।
गिरि सुमेल का युद्ध - 1544
दिल्ली के अफगान बादशाह शेरशाह सूरी ने जोधपुर के राठौड़ शासक मालदेव को हराया।
इसी युद्ध के पश्चात शेरशाह सूरी ने कहा था की "मुट्ठी भर बाजरे के लिए मे हिंदुस्तान की बादशाहत खो देता।
चित्तौड़ का युद्ध -1567-68
मुगल बादशाह अकबर की सेना ने मेवाड़ महारणा उदय सिंह को परास्त किया।
हल्दीघाटी का युद्ध - 21 जून 1576
अकबर के सेनापति मान सिंह एवं महारणा प्रताप मे मध्य हुआ युद्ध। जिसमे प्रताप की पराजय हुई।
कुंभलगढ़ का युद्ध - 1578
शाहबाज खान के नेतृत्व मे मुग़ल सेना एवं महाराणा प्रताप की सेना के मध्य हुआ इसमे मुग़ल सेना ने कुंभलगढ़ पर अधिकार कर लिया।
इसके बाद प्रताप ने अपनी राजधानी चावंड को बनाया।
मतीरे की राड - 1644
यह मतीरे लेने के मामले पर अमरसिंह राठौड़(नागौर के शासक) एवं बीकानेर के राजा कर्ण सिंह के बीच युद्ध हुआ
दौराई का युद्ध -1659
अजमेर के निकट दौराई स्थान पर उत्तराधिकार युद्ध मे औरंगजेब ने दारा शिकोह को पुनः हराया।
पिलसूद का युद्ध - 10 मई 1715
जयपुर नरेश सवाई जयसिंह ने मराठो की सेना को पराजित कर उन्हे नर्वदा के दक्षिण मे खदेड़ा।
मंदसौर का युद्ध - 1733
राजमहल(टोंक) का युद्ध - 1747
जयपुर नरेश सवाई ईश्वरीसिंह ने अपने भाई सवाई माधोसिंह, मराठा, उदयपुर एवं कोटा की संयुक्त सेना को हराया।
भटवाड़ा का युद्ध - 1761
कोटा के राजा शत्रुसाल एवं जयपुर नरेश सवाई माधोसिंह के मध्य रणथंभौर के वर्चस्व को लेकर हुआ युद्ध जिसमे कोटा की सेना झाला झालिमसिंह के नेतृत्व मे विजयी रही।
तुंगा का युद्ध - 1787
जयपुर नरेश सवाई प्रताप सिंहएवं जोधपुर नरेश महारणा विजयसिंह की संयुक्त सेनाने मराठा महादाजी सिंधिया की सेना को हराया।
गिंगोली का युद्ध - 1807
राजकुमारी कृष्णा कुमारी से विवाह को लेकर हुए विवाद के कारण यह युद्ध जयपुर नरेश जगतसिंह द्वितीय एवं जोधपुर के शासक मनसिंह राठौड़ के मध्य हुआ।
बिथौरा का युद्ध - 1857
आउवा के ठाकुर कुशालसिंह चम्पावत के नेतृत्व मे क्रांतिकारियों की सेना ने कैप्टन हीथकोट के नेतृत्व मे आई अंग्रेज़ी व जोधपुर राज्य की संयुक्त सेना को हराया।
आउव का युद्ध - 1857
आउवा के ठाकुर कुशालसिंह चम्पावत के नेतृत्व मे क्रांतिकारियों की सेना ने अंग्रेज़ी व जोधपुर राज्य की संयुक्त सेना को हराया। एजी जी लॉरेंसको भागना पड़ा तथा पॉलिटिकल एजेंट मोक मेसन की हत्या केर क्रांतिकारियों ने उसका सर किले पर लटका दिया गया।
No comments:
Post a Comment
Comment us